शिमला || 06 दिसंबर 2024 || SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में संजोली महाविद्यालय से 6 छात्रों के अवैध निष्कासन के खिलाफ उग्र रैली की जिसमें के SFI अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड मयूख विशवास ने देश भर में छात्रों के निष्कासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी।
SFI ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों के अवैध निष्कासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एसएफआई के अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड मयूख विशवास ने कहा की छात्रों का गैर कानूनी निष्कासन हिमाचल की कांग्रेस सरकार की SFI को खत्म करने की साजिश का हिसा है।
संजौली महाविद्यालय का छात्र कॉलेज में जब आंदोलनरत था और के मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहा था तो उस समय छात्रों के इस आंदोलन को खत्म करने के लिए कॉलेज प्रधानाचार्या ने 6 छात्रों को अवैध तरीके से निष्कासित किया है। उन्होंने बात रखते हुए कहा की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला कॉलेज के अंदर आना विद्यालय प्रशासन के लिए शर्म की बात है इस मामले को लेकर कुछ छात्र कॉलेज प्रधानाचार्या के पास जाते है और यह मांग करते हैं कि इस मामले पर निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए और महाविद्यालय में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार लिंग संवेदनशील कमेटी का गठन किया जाना चाहिए की आने वाले समय के अंदर इस तरह की कोई घटना कैंपस के अंदर न हो।
परन्तु इस पर किसी भी तरह का संज्ञान नही लेते हुए छात्रों के साथ कॉलेज प्रशासन द्वारा बुरे तरीके से पेश आया जाता है और कुछ छात्रों को मारा – पीटा जाता है। जब यह बात तमाम छात्र समुदाय समक्ष सामने आती है तो अपने बचाव में कॉलेज प्रशासन छात्रों पर आरोप लगाते हुए 6 छात्रों को महाविद्यालय से अवैध तरीके से निष्कासित करता है। लगभग 2 महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद भी वह उन छात्रों का निष्कासन वापस नहीं किया गया है जिसके चलते छात्रों के शिक्षा के अधिकार छीना जा रहा है।
इस धरने में बात रखते हुए उन्होंने बात रखते हुए एस एफ आई राज्य सचिव दिनीत देंटा ने कहा कि कॉलेज प्रशासन का इस तरह का रवैया छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए किया जा रहा है। कक्षा लगाने और परीक्षा देने के लिए कॉलेज प्रशासन को छात्रों और उनके अभिभावको के बार – बार आग्रह करने पर भी मना किया गया है। जब इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर करते हैं तो उसके बाद ही हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर संज्ञान लिया जाता है और छात्रों को परीक्षा देने के लिए कॉलेज प्रशासन को अनुमति दी जाती है।
उन्होंने आगे बात रखते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन का इस तरह का तानाशाह रवैया के चलते आज छात्रों के भविष्य दांव में लगा हुआ है परन्तु कॉलेज प्रशासन इस पर कोई सुध लेने को तैयार नही है।
इस मुद्दे को लेकर लगातार एस एफ आई का डेलिगेशन लगातार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति मिल रहा है पर अभी वह भी इस मुद्दे पर चिंता नही दिखा रहे है। एस एफ आई ने यह मांग रखी है की इस अवैध निष्कासन को वापिस लिया जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के अवैध निष्कासन को वापस नहीं करता है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को लगातार विश्वविद्यालय में जारी रखा जाएगा।
एस एफ आई ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 6 छात्रों के अवैध निष्कासन को जल्द से जल्द वापस नहीं लिया गया तो आने वाले समय में इस आंदोलन को विश्वविद्यालय में और तेज किया जाएगा जिसका जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।