दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर कमेटी और अन्य संगठन बाल्मीकि सभा नाहन, हिमाचल कोली समाज, रविदास समाज, सीटू जिला सिरमौर, युवा विकास क्लब, और यूनाइटेड क्रिस्चियन ट्रस्ट के संगठनों ने आज संयुक्त रूप से माननीय मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन ADM सिरमौर के माध्य्म से सौंपा।
इस प्रतिनिधि मंडल मे बाल्मीकि सभा से प्रदीप सहोत्रा, विजय चोरिया, रविदास समाज से शांति देवी, हिमाचल प्रदेश कोली समाज से संदीपक तोमर, यूनाइटेड क्रिस्चियन संगठन से परवीन सोढा, सीटू जिला अध्यक्ष लाल सिंह, युवा विकास क्लब से बिंदु राम, सोनू आकाश, बीरु राम, दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला कमेटी सदस्य राजेश तोमर, कृष्ण लाल, अभिषेक, अरविन्द, हिमेश तोमर, मुकेश चौहान, आदि मौजूद थे।
दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक और राज्य सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा की वर्ष 1980 मे भारत सरकार ने छुवाछूत अत्याचार और भेदभाव से पीड़ित अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के समाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास की महता को महसूस करते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के लिए विशेष कम्पोनेंट प्लान और अनुसूचित जनजातियों के लिए अनुसचित जनजाति उपयोजना का प्रावधान किया जिसका मुख्य अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए सीधा प्रावधान करना था।
केंद्र सरकार ने 100 मे से 16.2 रुपए अनुसूचित जाति और 8.2 रुपए अनुसूचित जातियों के विकास पर खर्च करना था, परन्तु 42 वर्ष बीत जाने पर किसी भी पिछली सरकार ने ये वादा पुरा नहीं किया है। हिमाचल प्रदेश मे भी वर्ष 2011 मे अनुसूचित जाति उययोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात मे 25 प्रतिशत के लगभग प्रस्तावित थी परन्तु ये संबंधित वर्ग के विकास की प्राथमिकताओं पर खर्च नहीं हो पाई है।
इसके विपरीत पिछले 5 सालों मे इस उययोजनाओ के तहत बजट प्रावधान मात्र 5 प्रतिशत तक सीमित रह गया जबकि ये अनुपात 33 प्रतिशत होना चाहिए था परन्तु चिंताजनक बात ये है की ये 5 प्रतिशत भी पुरा खर्च नहीं हो पा रहा है। आशीष कुमार ने कहा की आज मुख्यमंत्री महोदय को ये ज्ञापन दे कर तेलंगाना की तर्ज अनुसूचित जाति जनजाति उपयोजना पर कानून बनाने की मांग की गई ताकि संबंधित वर्ग की जनसंख्या के अनुपात मे प्रावधान करके यह राशि अनुसूचित जाति समाज के आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास पर पुरी तरह खर्च हो सके। आज पूरे प्रदेश मे इस तरह के ज्ञापन दिये जा रहे ताकि मुख्यमंत्री इस विषय की गंभीरता को समझे और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों के लिए गंभीरता दिखाएं ताकि वँचित वर्ग के हितों की रक्षा हो सके।