मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी ने बताया कि जिला हमीरपुर में तंबाकू मुक्त अभियान 9 अक्तूबर से 8 दिसंबर 2025 तक 60 दिनों तक चलाया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य किशोरों और युवाओं को बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर उन्हें इनके सेवन से बचाना है।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और कानूनी प्रावधान
डॉ. चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2003 में कोटपा अधिनियम (COTPA Act) लागू किया गया था।
इस अधिनियम के तहत –
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सार्वजनिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी व निजी कार्यालयों में धूम्रपान वर्जित है। 
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नियमों के उल्लंघन पर 200 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। 
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किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू की दुकान नहीं खोली जा सकती। 
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18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना या उपयोग हेतु प्रेरित करना दंडनीय अपराध है, जिसके लिए जुर्माना या सजा का प्रावधान है। 
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किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाना आवश्यक है और परिसर में धूम्रपान करना पूर्णतः प्रतिबंधित है।
सभी विभागों की सहभागिता से चलेगा अभियान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिला के सभी विभागों को शामिल किया गया है।
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जिला स्तर पर जिला नोडल अधिकारी, 
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खंड स्तर पर खंड चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारी, 
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तथा गांव स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे। 
इसके अलावा अभियान में स्कूलों के अध्यापक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत प्रतिनिधि, ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समितियों के सदस्य भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही जिला हमीरपुर को तंबाकू मुक्त बनाना संभव होगा।
 
					