अब ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर निर्माण के लिए टीसीपी अनुमति अनिवार्य — उपायुक्त अमरजीत सिंह

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम, 1977 (Town and Country Planning Act) के अंतर्गत अधिसूचित योजना क्षेत्रों और विशेष क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले टीसीपी विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार द्वारा अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है, जिसके तहत 1 अगस्त 2025 से ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले प्लॉट पर निर्माण के लिए टीसीपी विभाग की पूर्व अनुमति आवश्यक कर दी गई है।


ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े निर्माण पर लागू होंगे टीसीपी प्रावधान

उपायुक्त ने बताया कि अधिसूचित क्षेत्रों से बाहर के ग्रामीण इलाकों में यदि कोई व्यक्ति 1000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड पर निर्माण करना चाहता है, तो उसे अब टीसीपी अधिनियम 1977 के तहत विभागीय अनुमति लेनी होगी। ऐसे सभी बड़े निर्माण कार्यों पर अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे, जिनमें भूमि उपयोग, भवन ऊँचाई, दूरी, और पर्यावरणीय मानकों से संबंधित नियम शामिल हैं।


⚠️ लोगों से अपील — अनुमति के बिना निर्माण न करें

अमरजीत सिंह ने जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से आग्रह किया कि वे बड़े निर्माण कार्यों की शुरुआत से पहले नगर एवं ग्राम योजना विभाग से आवश्यक अनुमति प्राप्त करें, ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी या तकनीकी अड़चन का सामना न करना पड़े। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों की निगरानी करें और इस आदेश की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करें।


उद्देश्य — संतुलित एवं नियोजित विकास

उपायुक्त ने कहा कि यह संशोधन प्रदेश में संतुलित, नियोजित और पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि अनियोजित निर्माण से न केवल सौंदर्य और यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि जल निकासी, पर्यावरण और आपदा जोखिम भी बढ़ता है।