जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर एवं सूचना एवं जन संपर्क विभाग के समन्वय से चल रहे विशेष आपदा जागरूकता अभियान के तहत आज उपमंडल संगड़ाह के अंधेरी, चाडना, बढग, गताधार तथा
उपमंडल पांवटा साहिब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भगानी और बनौर में आपदा न्यूनीकरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। अब तक सिरमौर जिले में 48 स्थानों पर फोक मीडिया कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को आपदा प्रबंधन और सुरक्षित निर्माण प्रथाओं के प्रति जागरूक किया जा चुका है।
गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक से बढ़ाई जा रही जन चेतना
कार्यक्रमों के दौरान कलाकारों ने गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को सुरक्षित निर्माण पद्धतियों और आपदा से बचाव के उपायों की जानकारी दी। कलाकारों ने बताया कि— घर बनाने से पहले स्थान का सही चयन करें। मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्माण स्थल भूस्खलन संभावित क्षेत्र में तो नहीं है। भवन निर्माण के समय सुरक्षा मानकों और तकनीकी सुझावों का पालन करें।
⚠️ आपदा से पूर्व तैयारी और जानकारी जरूरी
कलाकारों ने कहा कि आपदाओं से संबंधित जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए और इसे परिवार, बच्चों व बुजुर्गों के साथ साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा के लिए सतर्कता और तैयारी ही सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने लोगों से अपील की कि— मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा जारी की जाने वाली चेतावनियों पर ध्यान दें। भारी वर्षा, बर्फबारी या भीषण गर्मी की चेतावनी के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें।
नोडल अधिकारी ने दी आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारी
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नोडल अधिकारी लोकेश शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान लोगों को आपदा प्रबंधन की महत्ता और सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने भवन निर्माण और आपदा प्रबंधन पर आधारित सूचना, शिक्षा और संचार सामग्री (IEC) भी उपस्थित लोगों में वितरित की।
️ उद्देश्य – आपदाओं के प्रति जागरूक और सक्षम समाज का निर्माण
कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की संस्कृति को बढ़ावा देना और लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करना है। फोक मीडिया कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि सावधानी और तैयारी से ही आपदा के समय नुकसान को कम किया जा सकता है।
 
					