एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में नुक्कड़ नाटक और धरना प्रदर्शन आयोजित किया। एसएफआई ने इस अवसर पर परीक्षा प्रणाली में अनियमितताओं, छात्र सुविधाओं की कमी और छात्र संघ चुनावों की बहाली को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
परीक्षा प्रणाली में अनियमितताएं
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एसएफआई ने कहा कि विश्वविद्यालय ईआरपी (ERP) प्रणाली के माध्यम से परिणाम निकालने में विफल रहा है। 
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ऑनलाइन प्रणाली महंगी और धीमी साबित हो रही है; पहले एक उत्तर पुस्तिका की जांच 25-30 रुपये में होती थी, जबकि अब 80 रुपये खर्च हो रहे हैं। 
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पुनः निरीक्षण के बाद लगभग 90% छात्र पास हो रहे हैं, जिससे पहले की जांच में लापरवाही और छात्रों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने का आरोप है। 
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एसएफआई का कहना है कि इस प्रणाली के चलते कई छात्रों के परिणाम गलत दर्ज किए गए हैं और इससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 
छात्र सुविधाओं में कमी
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विश्वविद्यालय में हॉस्टल की कमी और महंगे कमरे छात्रों के लिए समस्या बने हुए हैं। 
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पहले विश्वविद्यालय के पास 8 बसें थीं, अब केवल 3 ही उपलब्ध हैं। 
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गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती में देरी के कारण लगभग 4.50 करोड़ रुपये छात्रों से अतिरिक्त शुल्क वसूले गए। 
छात्र संघ चुनाव और लोकतांत्रिक अधिकार
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एसएफआई ने छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग की। 
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2013 से छात्र संघ चुनावों पर प्रतिबंध है, जिससे छात्रों को अपनी जनवादी प्रतिनिधित्व का अधिकार नहीं मिल पा रहा। 
एसएफआई का आह्वान
एसएफआई उपा अध्यक्ष कामरेड आशीष ने कहा कि विश्वविद्यालय में हो रही धांधली, ऑनलाइन प्रणाली की असफलता और छात्रों से अनावश्यक शुल्क वसूली को तुरंत रोका जाए। उन्होंने छात्र सुविधाओं में सुधार, गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती, और छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग दोहराई।
इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय में 24 घंटे सांकेतिक हड़ताल भी आयोजित की गई।
 
					