एसएफआई ने मनाया छात्र आंदोलन स्थापना दिवस, शिक्षा बचाने का आह्वान

एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के आह्वान पर 12 अगस्त को भारत के पहले संयुक्त छात्र आंदोलन (1936) की स्थापना के उपलक्ष में प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1936 का यह दिन देश के पहले प्रगतिशील संयुक्त छात्र आंदोलन की शुरुआत का प्रतीक है। स्वतंत्रता संग्राम में छात्रों की भूमिका अहम रही — चाहे 1920 का असहयोग आंदोलन हो, 1930 का सविनय अवज्ञा आंदोलन या 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, हर मोर्चे पर छात्रों ने अग्रणी भूमिका निभाई।

कार्यक्रम और संदेश

स्थापना दिवस पर सेमिनार, पर्चा वितरण और जनरल हाउस का आयोजन हुआ। एसएफआई ने छात्रों से अपील की कि मौजूदा समय में शिक्षा के निजीकरण, भगवाकरण और बेरोज़गारी के दौर में एकजुट होना समय की मांग है।

एसएफआई के संकल्प

  • निजीकरण, सांप्रदायिकता और केंद्रीकरण के खिलाफ संघर्ष

  • शिक्षा को मौलिक अधिकार मानना, व्यापार नहीं

  • रोजगारपरक, वैज्ञानिक, समावेशी और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा की मांग

  • छात्रों की आवाज़ दबाने वाले हर तंत्र का विरोध

एसएफआई ने छात्र समुदाय, शिक्षकों और प्रगतिशील नागरिकों से अपील की कि वे समावेशी शिक्षा को बचाने और मजबूत करने के आंदोलन का हिस्सा बनें।

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