SFI द्वारा आज प्रदेशभर में अलग अलग कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 खिलाफ प्रदर्शन किया गया। एस एफ आई कोटशेरा इकाई ने नई शिक्षा नीति के विरोध में कैंपस में धरना प्रदर्शन किया गया।
धरने का संचालन करते हुए कॉमरेड रोहित बिरसांटा ने कहा कि 2020 में लाई गई शिक्षा नीति के जरिए केंद्र तथा प्रदेश सरकार शिक्षा का भगवाकरण तथा व्यापारीकरण करने का प्रयास कर रही है। NEP की खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि NEP के जरिए CBCS को छात्रों पर थोपा जा रहा है । CBCS में ऐसे विषय छात्रों को पढ़ने पड़ रहे हैं जिसका औचित्य उनके भविष्य में रोजगार की दृष्टि से कुछ भी नही है।
हिमाचल, देश का सबसे पहला राज्य बना है जहां पर जो नई शिक्षा नीति है उसे लागू किया जा रहा है। यदि हिमाचल प्रदेश का अगर शिक्षा का इतिहास उठाकर देखें तो शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के छात्रों के साथ भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। उदाहरण के लिए जो रूसा सिस्टम हिमाचल प्रदेश के अंदर छात्रों पर थोपा गया था और जिसके परिणाम आज तक छात्र भुगत रहे हैं, आज भी हज़ारों छात्र RUSA सिस्टम की मार को झेल रहें है।
अब यह नई शिक्षा नीति को हमारी सरकार हिमाचल प्रदेश में प्रयोग करने जा रही है। इस शिक्षा नीति की नींव ही असंवैधानिक है। इसे आपदा में अवसर के रूप में भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया था। जब देश में कोई भी शिक्षण संस्थान खुला नहीं था, देश के अंदर कोई भी चहल-पहल कोरोनाकाल के अंदर नही थी तब अचानक ही यह शिक्षा नीति का प्रस्ताव बिना किसी चर्चा, बहस के संसद में पास कर दिया जाता है।
धरने को आगे बढ़ाते हुए इकाई *सह सचिव कॉमरेड हेमराज* ने बताया कि NEP में 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी विद्यालयों को बंद करने की बात NEP में कही गई है। जिसका उदाहरण हमें 27 अक्तूबर को समाचार पत्र के माध्यम से मिलता है।
इस शिक्षा नीति में स्कोलरशिप, फेलोशिप, आरक्षण का कोई ज़िक्र नहीं है। यह नई शिक्षा नीति हमारे उच्चतर पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है।
इकाई सह सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति जैसे अन्य कई दुर्गम इलाके है जहां पर एक 6 साल का बचा 10 से 15 किलोमीटर का सफर तय नहीं कर सकता। इसके साथ – साथ भारत जैसे पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों को बहुत कम संख्या में शिक्षा दी जाती है। यदि उनके गांव के आस पास के विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा तो साधारण परिवारों की लड़कियां शिक्षा से वंचित रह जाएंगी।
अपनी बात खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र एवम प्रदेश सरकार द्वारा NEP को जल्दी वापिस नहीं लिया गया तो SFI प्रदेश भर के छात्रों को लामबंद करके एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार की होगी।