ऊना में भूकंप सुरक्षित भवन निर्माण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के समर्थ-2025 अभियान के तहत शनिवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में पूर्वी कला मंच जलग्रां टब्बा के कलाकारों ने आईएसबीटी ऊना और मेन बाजार झलेड़ा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को भूकंप सुरक्षित भवन निर्माण के प्रति जागरूक किया।


भूकंपरोधी भवन निर्माण पर दी जानकारी

कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने ग्रामीणों को बताया कि भूकंप के दौरान जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए भूकंपरोधी भवन निर्माण तकनीक अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने समझाया कि यदि भवनों की संरचना सही तकनीक से बनाई जाए, तो आपदा से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है। “आपदाओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण जरूरी है। सुरक्षित भवन निर्माण से न केवल परिवार बल्कि पूरी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।”


सुरक्षित निर्माण की तकनीकें बताईं

नाट्य दल ने लोगों को भूकंप से सुरक्षित भवन बनाने की प्रमुख तकनीकों के बारे में बताया, जिनमें शामिल हैं —उत्तम सीमेंट मोर्टार का उपयोग, क्षैतिज भूकंपरोधी बैंड का निर्माण, ईंट की दीवारों का सुदृढ़ीकरण, दरवाजों और खिड़कियों के जोड़ों में मजबूत जॉम्ब्स, पिलर और पायलिंग निर्माण के सही तरीके, कंक्रीट मिश्रण के मानक, और नींव की मजबूती के लिए इंजीनियरिंग परामर्श। कलाकारों ने कहा कि भवनों में किसी भी संरचनात्मक बदलाव से पहले अभियंता से सलाह अवश्य लें, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन हो सके।


समर्थ 2025 कार्यक्रम का आगामी शेड्यूल

जागरूकता अभियान के अंतर्गत आगामी कार्यक्रम इस प्रकार हैं — 19 अक्तूबर: संतोषगढ़ और मैहतपुर, 20 अक्तूबर: लठियाणी और थानाकलां, 21 अक्तूबर: बंगाणा और खुरवाईं, 22 अक्तूबर: चिंतपूर्णी और भंजाल 23 अक्तूबर: अंब और नैहरियां, 24 अक्तूबर: गगरेट और शिवबाड़ी, 25 अक्तूबर: कुनेरन और ओईल, इन कार्यक्रमों में पूर्वी कला मंच जलग्रां टब्बा और आरके कला मंच चिंतपूर्णी के कलाकार नुक्कड़ नाटक व गीत-संगीत के माध्यम से लोगों को भूकंप सुरक्षा, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन उपायों के प्रति जागरूक करेंगे।


⚠️ आपदाओं से निपटने के लिए जनजागरूकता आवश्यक

कार्यक्रम का उद्देश्य है कि आमजन को यह समझाया जाए कि आपदाओं से नुकसान को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन सजगता, सुरक्षित निर्माण और पूर्व तैयारी के माध्यम से जोखिमों को काफी हद तक घटाया जा सकता है।