हमीरपुर में प्राकृतिक खेती कार्यशाला: किसानों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान

किसानों को भारत की पारंपरिक प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से नादौन उपमंडल के गांव ग्वालपत्थर में आत्मा परियोजना, हमीरपुर की ओर से बुधवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए आत्मा परियोजना हमीरपुर के निदेशक डॉ. नितिन शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाए गए खाद्यान्न स्वस्थ, पौष्टिक और पर्यावरण-अनुकूल होते हैं। उन्होंने कहा कि इस विधि से जमीन की उर्वरा शक्ति कायम रहती है और जल संरक्षण में भी मदद मिलती है। इसके चलते किसानों को यही पद्धति अपनाने की सलाह दी गई।

कृषि उपज और सरकार की खरीद नीति

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रही है और इस विधि से उगाई गई फसलों को उच्च मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इस सीजन में प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों की सरकारी खरीद दर इस प्रकार है:

  • मक्की: 40 रुपये/किग्रा

  • गेहूं: 60 रुपये/किग्रा

  • हल्दी: 90 रुपये/किग्रा

उन्होंने यह भी बताया कि मक्की की खरीद के लिए हमीरपुर के पक्का भरो और नादौन में शीघ्र ही केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

विशेषज्ञ मार्गदर्शन और सहभागिता

कार्यशाला के दौरान किसानों को विभिन्न विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन प्रदान किया। इसमें शामिल थे:

  • उप परियोजना निदेशक डॉ. राजेश कुमार

  • कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा के प्रभारी डॉ. विशाल डोगरा

  • डॉ. नवनीत जरियाल

  • उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी की वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. दीपा शर्मा

  • डॉ. शिवानी चौहान

  • ग्रीनरी एग्री बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल शर्मा

  • डॉ. नरेंद्र ठाकुर और डॉ. अक्षय चड्ढा

सभी विशेषज्ञों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक, फसल प्रबंधन और आर्थिक लाभ के तरीकों पर व्यावहारिक जानकारी दी।