बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत राजकीय उच्च पाठशाला डुग्घा और बनाल में बुधवार को “मानसिक स्वास्थ्य एवं किशोर” विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य एक अदृश्य समस्या है, जिसे शारीरिक लक्षणों की तरह सीधे देखा या मापा नहीं जा सकता। उन्होंने छात्रों को मानसिक परेशानियों को साझा करने और उनके समाधान के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर विशेष अतिथि मनोविज्ञानी शीतल वर्मा ने किशोर छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को व्यक्तिगत कमजोरी मानकर छुपाना समस्या को और गहरा कर सकता है। उन्होंने किशोरों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, परिवार, मित्रों और अध्यापकों से समस्याओं को साझा करने, खेलकूद और मनोरंजन में संतुलित समय बिताने तथा योग, श्वास और ध्यान क्रियाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की सलाह दी।
मनोविज्ञानी शीतल वर्मा ने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोविज्ञानी या सलाहकार से मिलना उतना ही सामान्य है जितना शारीरिक बीमारी के लिए डॉक्टर से मिलना। इस तरह किशोर अपने आत्मविश्वास को बढ़ाकर समस्याओं का सामना कर सकते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें मानसिक परेशानी से निपटने के प्रभावी उपायों से अवगत कराना था।
 
					