सीडीपीओ कार्यालय टौणी देवी ने सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चम्बोह और बधानी में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत ‘किशोर एवं मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर जागरूकता शिविर आयोजित किए।
इस अवसर पर सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि किशोरावस्था मानव जीवन का सबसे ऊर्जावान और उत्पादक काल होने के साथ-साथ सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील भी होता है। उन्होंने बताया कि यह काल सुदृढ़ मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक आदतों को विकसित करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
“स्वस्थ नींद, नियमित व्यायाम, परिस्थितियों से निपटने का कौशल, समस्याओं का समाधान और भावनाओं पर नियंत्रण रखना किशोरावस्था में सीखने योग्य महत्वपूर्ण गुण हैं।”
— कुलदीप सिंह चौहान, सीडीपीओ टौणी देवी
उपस्थित मनोविज्ञानी शीटल वर्मा ने किशोरों को स्मार्टफोन के अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग पर अंकुश लगाने और डिजिटल डीटॉक्सिफिकेशन अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव किशोरों में डिप्रेशन और एंग्जायटी का कारण बन सकते हैं।
शिविर में किशोरों को निम्नलिखित उपाय सुझाए गए:
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स्क्रीन टाइम सीमित करना और डिजिटल डिटॉक्स अपनाना
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स्वस्थ आहार और सक्रिय जीवनशैली अपनाना
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खेलकूद, संगीत और परस्पर संवाद में भाग लेना
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कार्यों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में विभाजित करना
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श्वास, योग और ध्यान क्रियाओं के माध्यम से तनाव कम करना और आत्म-नियंत्रण विकसित करना
शिविर का उद्देश्य किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।