रोहड़ू में नाबालिग बच्चे की मौत प्रकरण में एसआई मंजीत निलंबित, आयोग ने स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट तलब की

हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने रोहड़ू के लिंमड़ा गांव में नाबालिग बच्चे की मौत प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की।


⚖️ जांच में ढील और निष्पक्षता पर आयोग की नाराजगी

अध्यक्ष धीमान ने कहा कि पुलिस की शुरुआती जांच संतोषजनक नहीं रही और एफआईआर दर्ज करने में ढील बरतने के कारण जांच प्रभावित हुई।

  • प्रारंभिक एफआईआर में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया।

  • जांच अधिकारी एएसआई मंजीत ने मामले की जिम्मेदारी से जांच नहीं की।

  • आयोग ने एएसआई मंजीत को निलंबित कर दिया और एसडीपीओ रोहड़ू से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा।


पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित

कुलदीप धीमान ने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा खतरे में है, इसलिए स्थानीय पुलिस को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।

मामले में शिकायत में यह भी उल्लेख था कि बच्चे के घर में प्रवेश पर अछूत बताने और घर की शुद्धि के लिए बकरे देने का दबाव डाला गया, लेकिन पुलिस ने प्रारंभ में इस प्रकरण को अधिनियम के तहत दर्ज नहीं किया। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मामला अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज किया गया, लेकिन आरोपी महिला को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका।


आयोग की सक्रियता और कार्रवाई

  • आयोग ने जांच अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट ली और विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की।

  • पीड़ित परिवार से बैठक कर उन्हें घटना की जानकारी दी गई।

  • सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा परिवार को 4,12,500 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

अध्यक्ष धीमान ने कहा कि आयोग का उद्देश्य दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है। समाज में जिन लोगों के अधिकारों का शोषण होता है, उन्हें न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकता है।


उपस्थित अधिकारी और सदस्य

इस अवसर पर आयोग के सदस्य विजय डोगरा, सदस्य दिग्विजय मल्होत्रा, एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज शर्मा, उपमंडलाधिकारी धर्मेश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन नेगी, जिला कल्याण अधिकारी कपिल देव, पुलिस अधिकारी और पीड़ित परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।