हिमाचल प्रदेश में 15वें अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 2025 का आयोजन

हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 2025 (IDDRR-2025) के अवसर पर राज्य में 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया है। इस वर्ष का विषय है: “आपदाओं के लिए नहीं, बल्कि लचीलेपन के लिए धन”, जिसका उद्देश्य है कि आपदा से पहले लचीलापन निर्माण के लिए निवेश किया जाए, न कि केवल आपदा के बाद राहत पर ध्यान दिया जाए।

एचपीएसडीएमए के अनुसार, उत्तर भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान भयानक बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं ने भारी तबाही मचाई। हिमाचल प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस मानसून सीजन में 427 मौतें हुईं और 47 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि राज्य को लगभग 5000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

इस वर्ष IDDRR का लक्ष्य दो मुख्य कार्यों पर केंद्रित है:

  1. सार्वजनिक बजट और अंतर्राष्ट्रीय सहायता में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए वित्तपोषण बढ़ाना।

  2. सुनिश्चित करना कि सभी सार्वजनिक विकास और निजी निवेश जोखिम-सूचित और लचीले हों।

यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया भर में लगभग एक अरब बच्चे जलवायु संबंधी आपदाओं सहित विभिन्न खतरों के प्रति अत्यधिक जोखिम में हैं। हिमाचल प्रदेश में भी आपदाओं से बच्चों और युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित स्कूल और आपदा-प्रतिरोधी शिक्षा सुविधाओं पर जोर दिया गया है।

एचपीएसडीएमए द्वारा राज्य के सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के माध्यम से आयोजित गतिविधियों में शामिल हैं:

  • सुरक्षित भवन निर्माण कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • प्रश्नोत्तरी, आभासी बैठकें और आपदा जागरूकता रैलियाँ

  • नुक्कड़ नाटक, नृत्य एवं कला मंच

  • आपदा प्रबंधन में निजी योगदान और सर्वोत्तम गैर सरकारी संगठन एवं स्कूलों की पहचान

प्राधिकरण का उद्देश्य है कि सभी समुदाय और संवेदनशील श्रेणी के लोग आपदाओं से सुरक्षित रहें और युवा निष्क्रिय पीड़ित न होकर आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु अनुकूलन समाधानों में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

एचपीएसडीएमए ने निष्कर्षतः कहा कि आपदाओं को रोकना तभी संभव है जब हम लचीलेपन के निर्माण में निवेश करें। केवल आपदा के बाद राहत देने पर निर्भर रहने से बाहर निकलकर पूर्वाभासी और सतत दृष्टिकोण अपनाना होगा।