हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित गोविन्दसागर जलाशय में 12,000 नं० नंचर महाशीर मछली बीज का सफलतापूर्वक संग्रहण किया गया। यह बीज मंडी जिले के मध्याल स्थित राज्य के महाशीर मछली प्रजनन केन्द्र में तैयार किया गया था, जहाँ इस वर्ष 50,000 से अधिक फिंगरलिंग्स का उत्पादन हुआ। संग्रहण कार्यक्रम मत्स्य विभाग के निदेशक एवं प्रभारी विवेक चंदेल के दिशा-निर्देशानुसार जकातखाना में आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु:
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महाशीर मछली हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय जलाशयों और नदियों की पारिस्थितिकी में अहम भूमिका निभाती है। 
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महाशीर मछली का संरक्षण विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है, जो जैव विविधता और मछुआरों की आय दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। 
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पिछले वर्ष गोविन्दसागर जलाशय में माठ्याल फिश फार्म से 13,520 नं० महाशीर मछली बीज संग्रहित किया गया था। 
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विभाग द्वारा राज्य के सभी प्रमुख जलाशयों में नियमित रूप से मछली बीज संग्रहण किया जाता है, ताकि मत्स्य उत्पादन और मछुआरों की आजीविका में सुधार लाया जा सके। 
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महाशीर मछली को एंगलिंग के लिए प्राथमिकता दी जाती है, जिससे गोविन्दसागर जलाशय में एंगलिंग पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। 
इस अवसर पर मत्स्य संरक्षण अधिकारी अजय कुमार, मत्स्य अधिकारी जकातखाना सुरम सिंह, मत्स्य सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि और स्थानीय मछुआरे उपस्थित रहे।
सहायक निदेशक पंकज ठाकुर ने कहा कि विभाग का उद्देश्य राज्य के जलाशयों में मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर मछुआरों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना और सतत मत्स्य प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।
 
					