एडवर्ड्स स्कूल के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह स्कूल परिसर में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता तथा हिमाचल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विपिन चंद्र नेगी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मेमोरियल पार्क और वॉल ऑफ फेम का शुभारंभ
एडवर्ड्स संघ के अध्यक्ष राजीव सूद ने बताया कि समारोह के दौरान मेमोरियल पार्क का शुभारंभ किया गया।
उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा एक “वॉल ऑफ फेम” का निर्माण भी किया गया है, जिसमें एडवर्ड्स के उन पूर्व छात्रों के नाम अंकित किए गए हैं जिन्होंने देश सेवा में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
देश की सेवा करने वाले वीरों के नाम
वॉल ऑफ फेम पर विशेष रूप से शामिल किए गए वीरों में शामिल हैं:
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जनरल बिपिन रावत (1958–2021) — भारत के पहले सी.डी.एस
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कैप्टन जतिंदर नाथ सूद, वीर चक्र (पोस्ट), 1971
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कैप्टन संजय डोगरा (1989)
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कैप्टन संदीप कुमार (2000)
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कैप्टन अमित जोशी (2002)
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ब्रिगेडियर रवि दत्त मेहता, कीर्ति चक्र (पश्चात), 2008
इसके अतिरिक्त वीरता के लिए सम्मानित अन्य पूर्व छात्र:
वी एन मदन (वीर चक्र 1963), सी एस दोरैस्वामी (वीर चक्र 1965), राज मोहन वोहरा (महावीर चक्र 1971), विजय कुमार बेरी (महावीर चक्र 1971), कोलम थडानी (शौर्य चक्र 1983), राजबीर सिंह (वीर चक्र 1987), रूपन बेम्बे (नवसेना पदक 1994), अतुल बिष्ट (सेना मेडल 1994), पी एम बाली (मेंशन-इन-डिस्पैचेस 2000), अजय सिंह (शौर्य चक्र और बार 2009-2010) तथा फ्लाइट लेफ्टिनेंट अर्शवीर सिंह ठाकुर (वीर चक्र 2025) शामिल हैं।
“भारत आज आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति है”
राजीव सूद ने कहा कि एडवर्ड्स के पूर्व छात्र आज देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों ने दिखाया कि भारत अब “घर में घुसकर मारने” की क्षमता रखता है।
उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के चलते भारत आज विश्व के प्रमुख रक्षा निर्यातक देशों में शामिल हो गया है।