अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के उपलक्ष्य में आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डी.आई.ई.टी.) जुखाला में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 80 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के उप-प्रधानाचार्य संजय सामा ने की। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े अनुभवों, उपायों एवं सुरक्षा रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए और सभी को आपदाओं से निपटने हेतु सतर्क रहने का संदेश दिया।
कार्यक्रम के दौरान आपदा प्रबंधन समन्वयक राकेश ठाकुर ने बताया कि संस्थान में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें सभी समितियों के सदस्यों ने सक्रिय भाग लिया। इसके पश्चात सभागार कक्ष में “हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ के जोखिम को कम करने में समुदाय की भूमिका”, “आपदा प्रतिरोधी हिमाचल का निर्माण — हमारी जिम्मेदारी, हमारा भविष्य” एवं “पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया को मजबूत करना” विषयों पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई।
भाषण प्रतियोगिता में प्रशिक्षणार्थियों ने हिमाचल प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में आपदा प्रबंधन के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए। द्वितीय वर्ष की छात्रा रजनीश ने आपदाओं से बचाव पर अपने विचार रखे, जबकि प्रथम वर्ष की इंदू ठाकुर एवं रितु शर्मा ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाओं पर अपने विचार साझा किए। इसके अतिरिक्त आयुष एवं विनय ठाकुर ने भी आपदाओं के प्रति जागरूकता बनाए रखने का आह्वान किया।
राकेश ठाकुर ने कहा कि पूर्व तैयारी, सतर्कता और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गोपाल शर्मा, प्रवक्ता एवं अन्य कर्मचारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। प्रशिक्षणार्थियों को सीपीआर (CPR) देने का व्यावहारिक प्रशिक्षण कुलदीप धीमान द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों एवं प्रशिक्षणार्थियों को आपदा प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाना और स्थानीय स्तर पर जोखिम न्यूनीकरण में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना रहा।
 
					