रेडक्रॉस सोसाइटी की उपमंडल इकाई ने वीरवार को मिनी सचिवालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
आपात स्थिति में जीवनरक्षक साबित हो सकती है सीपीआर तकनीक
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम शशिपाल शर्मा ने कहा कि आपात परिस्थितियों में यदि किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाए, तो उसे तत्काल सीपीआर दिए जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक आम लोगों को भी आनी चाहिए ताकि वे जरूरत पड़ने पर किसी की जिंदगी बचाने में मदद कर सकें।
विशेषज्ञों ने किया सीपीआर का प्रायोगिक प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान डॉ. मयंक, डॉ. आदित्य और हेल्थ एजुकेटर ने सीपीआर का प्रैक्टिकल डेमो दिया और प्रतिभागियों को इस तकनीक की बारीकियों से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि सीपीआर तकनीक दिल का दौरा, दम घुटना, या अन्य आपात स्थितियों में व्यक्ति को दोबारा जीवन देने का कार्य कर सकती है। इस प्रक्रिया में मरीज की छाती को बीचों-बीच प्रति मिनट 100–120 बार दबाया जाता है और साथ में मुंह से सांस दी जाती है ताकि ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहे।
अधिकारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर तहसीलदार डॉ. आशीष शर्मा, रेडक्रॉस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
 
					