बिलासपुर में जिला स्तरीय सेफ कंस्ट्रक्शन मॉडल प्रतियोगिता आयोजित, राज्य स्तरीय टीमों का चयन

जिला बिलासपुर में “समर्थ 2025” कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय सेफ कंस्ट्रक्शन मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन बचत भवन, उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर में किया गया। इस प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर चयनित स्कूलों और कॉलेजों की टीमों ने भाग लिया और सुरक्षित निर्माण पद्धतियों तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर अपने अभिनव मॉडल प्रस्तुत किए।

प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सुरक्षित निर्माण तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना रहा। प्रतिभागियों ने अपने मॉडलों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सुरक्षित निर्माण पद्धतियाँ ही भविष्य में आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में कारगर साबित हो सकती हैं।


प्रतियोगिता संचालन और मूल्यांकन

प्रतियोगिता के संचालन एवं मूल्यांकन के लिए उपायुक्त बिलासपुर, राहुल कुमार की अध्यक्षता में विशेष कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में सहायक आयुक्त राजकुमार, जिला परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण यशपाल सिंह, अधिशासी अभियंता दुनी चंद ठाकुर शामिल थे।

प्रतियोगिता में कई स्कूलों और कॉलेजों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख हैं:

  • राजकीय उच्च विद्यालय ज्योरा

  • राजकीय उच्च विद्यालय मंगरोट

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जामली

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दशलेहरा

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ज़कातखाना

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बडगांव

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बालिकाएँ) घुमारवीं

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्वरघाट

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेहल

  • राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर


राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित टीमें

  • हाई स्कूल श्रेणी: राजकीय उच्च विद्यालय ज्योरा

  • सीनियर सेकेंडरी श्रेणी: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जामली

  • कॉलेज श्रेणी: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर

ये टीमें आगामी 8 अक्तूबर, 2025 को शिमला में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिला बिलासपुर का प्रतिनिधित्व करेंगी।

डीसी बिलासपुर, राहुल कुमार ने प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों के उत्साह, नवीन प्रयोगों और रचनात्मक प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों में नवाचार की भावना जगाती हैं और समाज में सुरक्षित निर्माण और आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।