नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला मुख्यालय बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा हिमाचल पर्यटन विभाग और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘बिलासपुर एक्वा फेस्ट-2025’ (जल महोत्सव) का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 21 से 23 नवम्बर, 2025 तक गोविंद सागर झील में लुहणू से मंडी भराड़ी तक आयोजित होगा।
जल क्रीड़ाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्थानीय उत्पादों का संगम
राजेश धर्माणी ने बताया कि यह तीन दिवसीय वाटर स्पोर्ट्स कार्निवल रोमांच, साहस और मनोरंजन का अनोखा संगम होगा। इस दौरान कायकिंग, कैनोइंग, कंट्री बोटिंग, स्विमिंग, स्टिल वाटर राफ्टिंग और फील-फ्री कायकिंग जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी। इसमें विभिन्न राज्यों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और खेल संघों से 200 से 250 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के तहत रेड क्रॉस मेला, स्थानीय आजीविका मेला और सांस्कृतिक संध्याएँ भी होंगी, जिनमें स्वयं सहायता समूह (SHGs) और स्थानीय उद्यमी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री करेंगे। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आगंतुकों के मनोरंजन का विशेष आकर्षण होंगी।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘बिलासपुर एक्वा फेस्ट-2025’ का मुख्य उद्देश्य गोविंद सागर झील को प्रमुख जल एवं इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि इस पहल से स्थानीय पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने सभी खेल संघों, संस्थानों और पर्यटकों से आग्रह किया कि वे इस आयोजन में भाग लेकर इसे हिमाचल का प्रमुख वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल बनाएं। उन्होंने बताया कि आयोजन की विस्तृत योजना उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार द्वारा शीघ्र साझा की जाएगी।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बन रही “मानसून टूरिज्म नीति”
राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार मानसून सीजन में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान पर्यटन गतिविधियाँ घट जाती हैं, जिससे प्रदेश को राजस्व का नुकसान होता है। सरकार का लक्ष्य मानसून को भी आकर्षक पर्यटन सत्र में बदलना है। इसके अंतर्गत बिलासपुर, कोल डैम, कांगड़ा, सुंदरनगर सहित अन्य क्षेत्रों में स्थित झीलों और जलाशयों में वॉटर स्पोर्ट्स और इको टूरिज्म गतिविधियाँ आयोजित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को नए आयाम और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
 
					