Bilaspur में एनकॉर्ड समन्वय बैठक आयोजित, डीसी बोले—नशे के विरुद्ध जिला भर में चलाया जाएगा व्यापक जन-जागरूकता अभियान

बिलासपुर || 28 मई 2025 || जिला बिलासपुर में नशे के उन्मूलन और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय नार्को समन्वय केंद्र (एनकॉर्ड) की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन पुलिस विभाग द्वारा किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त राहुल कुमार ने की। बैठक में पुलिस अधीक्षक संदीप धवल, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में जिले में ड्रग तस्करी और नशीले पदार्थों के बढ़ते प्रभाव से संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की गई। सभी विभागीय अधिकारियों ने नशा उन्मूलन को लेकर अपने सुझाव साझा किए और आपसी समन्वय के साथ निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक के दौरान उपायुक्त राहुल कुमार ने नशे जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ चल रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए कहा कि इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए हर विभाग को मिशन मोड में, समन्वय और सहयोग की भावना से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि जिले में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में, विशेषकर शैक्षणिक संस्थानों से लेकर पंचायत स्तर तक, व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान आरंभ किए जाएंगे, ताकि समाज को नशे के दुष्परिणामों के प्रति संवेदनशील और सतर्क बनाया जा सके।

उपायुक्त ने “ड्रग फ्री हिमाचल” मोबाइल एप का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह एप आम नागरिकों को नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सक्रिय भागीदार बनाता है। यदि किसी व्यक्ति को अपने क्षेत्र में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार की जानकारी है, तो वह इस एप के माध्यम से गोपनीय रूप से सूचना साझा कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सूचना देने वाले की पहचान पूर्णतः गोपनीय रहती है, जिसे पुलिस भी नहीं जान सकती। यह पहल उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक है, जो गवाह बनाए जाने या प्रतिशोध के डर से सूचना देने से बचते हैं।

बैठक में पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश भर में नशे के विरुद्ध व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में एनडीपीएस एक्ट के तहत जिले में कुल 196 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2025 में अब तक 84 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024 में चिट्टे के ओवरडोज़ से पांच लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें चार बिलासपुर जिले से और एक अन्य राज्य से था। वहीं 2025 में अब तक दो बाहरी व्यक्तियों की ओवरडोज़ से मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि नशीले पदार्थों की रोकथाम हेतु पुलिस विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। वर्ष 2024 में 27 मई तक कुल 83 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2025 में इसी अवधि तक यह संख्या बढ़कर 84 हो गई है। वर्ष 2024 में जहां 7.296 किलोग्राम चरस, 256.82 ग्राम हेरोइन, 5.165 किलोग्राम पोस्त भूसी, 24.92 ग्राम अफीम, 30 कैप्सूल और 661 पोस्त पौधे जब्त किए गए थे, वहीं वर्ष 2025 में अब तक 13.617 किलोग्राम चरस, 336.43 ग्राम हेरोइन, 2.765 किलोग्राम पोस्त भूसी, 25 अफीम पौधे तथा 5 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। वर्ष 2024 में जहां 120 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 131 तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा शहरों के साथ-साथ गांवों, विशेषकर शिक्षण संस्थानों में नशे के विरुद्ध बड़े पैमाने पर जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि युवा वर्ग इस लत से बच सके और समाज में नकारात्मक प्रभाव न फैले।

ग्रीन पंचायतों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा

बैठक के दौरान यह जानकारी भी साझा की गई कि जिला बिलासपुर की 48 पंचायतें ऐसी हैं, जहां अब तक एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। इन पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायतों’ की श्रेणी में रखा गया है। उपायुक्त ने कहा कि इन पंचायतों को प्रोत्साहित कर मॉडल पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि अन्य पंचायतें भी इनसे प्रेरणा लेकर नशे के खिलाफ मजबूत कार्ययोजना अपनाएं।

अंत में उपायुक्त राहुल कुमार ने सभी विभागों से आह्वान किया कि नशे के विरुद्ध इस लड़ाई को सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी न मानते हुए, एक सामाजिक आंदोलन के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य एक सुरक्षित, स्वस्थ और नशा-मुक्त बिलासपुर का निर्माण करना है, जिसमें हर विभाग और हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।

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