उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बताया कि जिला में हो रही भारी बारिश के चलते बंद हुई सड़कों और प्रभावित पेयजल योजनाओं की बहाली के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो और पटवारियों सहित फील्ड स्टाफ को प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बनाए रखने और नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि प्रभावितों को शीघ्र राहत पहुंचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि मानसून मौसम को देखते हुए राज्य एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाए। लोगों से अपील की गई कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और आवश्यक होने पर सतर्कता के साथ यात्रा करें। साथ ही नदी-नालों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
उपायुक्त ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी किए जाने की स्थिति में जिला के सभी शिक्षण संस्थान एवं आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे गए हैं। देर शाम तक मौसम की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि अब तक जिला में लगभग ₹125 करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग का लगभग ₹90 करोड़ और जलशक्ति विभाग का ₹25 करोड़ का नुकसान शामिल है। इसके अलावा बिजली बोर्ड, पशुपालन विभाग एवं निजी संपत्तियों को भी नुकसान हुआ है। बरसात से अब तक 18 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है।
बरसात के कारण जिले में लोक निर्माण विभाग की 26 सड़कें और जलशक्ति विभाग की 48 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। लगभग ₹2.69 करोड़ का संरचनात्मक नुकसान भी हुआ है। अब तक तीन पक्के घर, 10 कच्चे घर, चार दुकानें, चार स्टोर, 32 किचन, छह शौचालय और 282 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं।
उपायुक्त ने सभी एसडीएम और राजस्व अधिकारियों को बंद सड़कों को खोलने, पेयजल योजनाओं को बहाल करने और राहत मैनुअल के तहत प्रभावितों को तुरंत राहत उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के घर असुरक्षित हैं, उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
राष्ट्रीय राजमार्ग भी समलेटू और थापना में भूस्खलन के कारण प्रभावित हुआ है। उपायुक्त ने वाहन चालकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में लोग जिला आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन 1077 या राज्य आपदा हेल्पलाइन 1070 पर संपर्क कर सकते हैं।
 
					