एशियाई खेलों के लिए कुश्ती के ट्रायल 22 और 23 जुलाई को दिल्ली में

विनेश सत्र की आखिरी यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बुडापेस्ट में हैं, वहीं बजरंग, जितेंद्र और संगीता प्रशिक्षण के लिए बिश्केक में हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा कुश्ती के संचालन के लिए नियुक्त तदर्थ समिति ने एशियाई खेलों के लिए बहुप्रतीक्षित कुश्ती ट्रायल 22 और 23 जुलाई को आयोजित करने का बुधवार को फैसला किया।
समिति हालांकि अभी यह निर्णय नहीं ले सकी है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में से किसी को ट्रायल में छूट दी जाए या नहीं।
आईओए ने ओसीए (एशियाई ओलंपिक परिषद) से इस तिथि को 22 जुलाई से आगे बढ़ाने की मांग की थी। ओसीए ने इस मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद तदर्थ समिति ने नयी दिल्ली में बैठक की और निर्णय लिया कि पुरुषों के ग्रीको रोमन और महिलाओं के ट्रायल 22 जुलाई को आयोजित किए जाएंगे और फ्री स्टाइल टीम का चयन अगले दिन होगा।

तदर्थ समिति ओलंपिक के 18 भार वर्गों के ट्रायल का आयोजन करेगी। इसमें तीनों प्रारूपों में छह-छह  (पुरुषों के लिए फ्री स्टाइल और ग्रीको रोमन और महिलाओं के लिए फ्री स्टाइल) स्थानों के लिए ट्रायल होगा।
तदर्थ समिति के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 22 और 23 जुलाई को इंदिरा गांधी स्टेडियम के केदार जाधव हॉल में ट्रायल आयोजित करने का फैसला किया है। पहले हम ग्रीको रोमन और महिला पहलवानों को आमंत्रित करेंगे और फिर पुरुष फ्री स्टाइल पहलवानों को आमंत्रित करेंगे। हम चाहते हैं कि एशियाई खेलों के ट्रायल में हमारे अंडर-20 पहलवान भी चुनौती पेश करें। वे 21 जुलाई को भारत लौटेंगे और इसलिए हम उन्हें भी दावा पेश करने का मौका देना चाहते है।’’
बाजवा ने कहा, ‘‘मैं आप सभी के साथ मानदंड से जुड़ी जानकारी कल साझा करूंगा। हमने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है।’’

भारत की अंडर-15 और अंडर-20 टीमें एशियाई चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए जॉर्डन की राजधानी अम्मान में हैं।
तदर्थ पैनल के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि समिति मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेताओं को ट्रायल से छूट दे सकती है।
सूत्र ने कहा, ‘‘अगर कुछ पहलवानों को छूट दी जाती है तो आश्चर्यचकित न हों। समिति ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप के पदक विजेता को छूट देने के बारे में सोच रही है। अगर इस फैसले पर मुहर लगती है, तो बजरंग पुनिया (65 किग्रा) और रवि दहिया (57 किग्रा) को ओलंपिक पदक विजेता होने के कारण सीधा प्रवेश मिलेगा। इसी तरह, विनेश (53 किग्रा) वर्तमान में विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता हैं।’’
इस फैसले से हालांकि उभरते हुए पहलवानों को निराशा हाथ लगेगी।
सुजीत 65 किग्रा वर्ग में मौजूदा अंडर-23 एशियाई चैंपियन हैं और अमन सहरावत ने रवि दहिया की अनुपस्थिति में 57 किग्रा भार वर्ग में खुद को साबित किया है। रवि चोट के कारण हाल ही में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए थे।

देश की पहली अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल भी 53 किग्रा वर्ग में भविष्य की अच्छी संभावना हैं। इस वर्ग में विनेश तोक्यो ओलंपिक से पहले लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है।
ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप के पदक विजेता पहलवान को तरजीह देने से हालांकि सुजीत के पिता और कोच दयानंद कलाकल खुश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह भविष्य की प्रतिभाओं के साथ घोर अन्याय होगा। अगर वे युवा पहलवानों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं देंगे तो हम कहां जाएंगे? सरकार चीजों को सही करने के लिए है। वह ऐसी चीजें क्यों होने दे रही है।’’
उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा, ‘‘ वे कह रहे हैं कि पहलवानों को बिना ट्रायल के भेजने की पुरानी मिसालें हैं, लेकिन अगर अतीत में कुछ गलत चीजें हुई हैं, तो अब सुधार क्यों नहीं किया जाता? वे इन युवा पहलवानों के करियर को उचित शुरुआत से पहले ही खत्म कर रहे हैं।’’
कलाकल ने कहा, ‘‘ ये युवा पहलवान एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करने का सपना देख रहे हैं।

ये विरोध करने वाले पहलवान ट्रायल में प्रतिस्पर्धा क्यों नहीं कर रहे हैं? इसका मतलब है कि नेता जी (डब्ल्यूएफआई निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह) सही थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ विरोध सिर्फ ट्रायल से बचने के लिए शुरू किया गया था।’’
विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे छह पहलवानों (विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा) ने आईओए से अनुरोध किया था कि उन्हें ट्रायल की तैयारी के लिए 10 अगस्त तक का समय दिया जाए। उन्होंने कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके महीनों तक चले विरोध के कारण वे शारीरिक और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं हैं।’’
विनेश सत्र की आखिरी यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बुडापेस्ट में हैं, वहीं बजरंग, जितेंद्र और संगीता प्रशिक्षण के लिए बिश्केक में हैं।

साक्षी और उनके पति कादियान ट्रेनिंग के लिए अमेरिका में हैं।
पैनल ने पहले प्रस्ताव दिया था कि ट्रायल दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे जहां छह पहलवानों को एशियाई खेलों के लिए अपना स्थान पक्का करने के लिए प्रारंभिक ट्रायल के विजेताओं के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कहा जाएगा।
इस फैसले की आलोचना हुई और कई लोगों ने इसे ‘पक्षपातपूर्ण’ और ‘अनुचित’ करार दिया।
अंतिम मानदंड तय करने के लिए तदर्थ पैनल शुक्रवार को फिर से बैठक करेगा।
समिति के सदस्य कोच ज्ञान सिंह ने कहा, ‘‘ कल समिति के सदस्य खेल मंत्री और आईओए अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे। हम उनकी सलाह लेना चाहते हैं। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि विरोध करने वाले छह पहलवानों के नाम रिजर्व के तौर पर भी भेजे जा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ तीन-चार पहलवानों को अगस्त में राउंड-रॉबिन प्रारूप में एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कहा जा सकता है और सर्वश्रेष्ठ पहलवान को एशियाई खेलों के लिए चुना जा सकता है, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।

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