हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश में हुई भयंकर बारिश और बाढ़ से हुए जान-माल के नुकसान पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते आपदा में जान गवां चुके लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया है और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की है। हिमाचल किसान सभा ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में हुए भारी नुकसान और तबाही के मद्देनज़र इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने कहा कि केन्द्र सरकार आपदा से निपटने के लिए तुरन्त आर्थिक पैकेज जारी करे। उन्होंने कहा कि इस आपदा में प्रदेश में किसानों का भारी नुकसान हुआ है। फसलें खराब होने के साथ-साथ उनके खेतों को भी भारी नुकसान हुआ है। डॉ. तँवर ने कृषि और बागवानी विभाग से नुकसान का सही आकलन करने की मांग भी की।
किसान सभा प्रदेश सरकार से त्वरित गति से कार्यवाही करते हुए सार्वजनिक सेवाओं विशेषकर सड़कों, बिजली व पानी की आपूर्ति आदि को जल्दी बहाल करने की मांग की है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण किसानों को अपनी तैयार फसल बाजार को तक पहुंचाने में आ रही कठिनाईयों के चलते फल, फूल व सब्ज़ियां खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं। किसान सभा ने सरकार कृषि व बागवानी विभागों के माध्यम से किसानों को राहत पैकेज प्रदान करने की मांग भी की है।
किसान सभा अध्यक्ष ने उन कम्पनियों को भी जुर्माना लगाने और दंडित करने की मांग की है जिन्होंने परियोजनाओं के निर्माण और फोरलेन सहित अन्य मार्गों को बनाते समय गैर कानूनी ढंग से मलबा नदियों और जंगलों में फैंका। डॉ. तँवर ने कहा कि उन सरकारी एंजेंसियों या संस्थानों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए जिनकी पर्यावरण को बचाने और इन कम्पनियों पर नियंत्रण और निगरानी रखने की ज़िम्मेदारी थी। डॉ. तँवर ने कहा कि हिमाचल किसान सभा हमेशा प्रभावितों की मदद करने के लिए तत्पर है।