बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जिला व बाल संरक्षण इकाई शिमला द्वारा नशीली दवाइयों के दुरुपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पखवाड़ा दिवस के उपरान्त राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लक्कड़ बाजार शिमला में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ दीपा राठौर (मनोवैज्ञानिक) दीन दयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल शिमला द्वारा डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित थीम “पीपल फर्स्ट स्टॉप स्टिग्मा एंड डिस्क्रिमिनेशन स्ट्रेंग्थेन एंड प्रिवेंशन” के अंतर्गत बच्चों को नशे के दुरुपयोग के व बुरे प्रभाव के बारे में अवगत करवाया तथा इसकी रोकथाम की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को चिटा, भांग तथा शराब इत्यादि के दुष्प्रभाव से अवगत करवाया। उन्होंने अभिभावकों का बच्चों के साथ व बच्चों को अभिभावकों के साथ अधिक से अधिक समय बिताने व दिनभर की सभी गतिविधियों को एक दूसरे से सांझा करने व खेल-कूद व योग इत्यादि को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का परामर्श दिया।
पुलिस विभाग से देवेंद्र मेहता ने नशे के बारे में कानूनी प्रावधान व इसकी तस्करी के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि हम किस तरह इस नशे से खुद को बचा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने दोस्तों की बुरी संगत को त्यागने व अपने जीवन में किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव में मानसिक परेशानी होने पर अपने अभिभावकों के साथ व अध्यापकों के साथ जानकारी सांझा करने का सुझाव दिया।
मनोज सहगल, परामर्शदाता जिला बाल संरक्षण इकाई शिमला ने पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त परामर्श केन्द्र, उपायुक्त कार्यालय शिमला कमरा न0 6 मे प्रत्येक बुधवार को परामर्श लेने के बारे में भी जानकारी दी।
शिविर में प्रतिभा राठौर, जगदीश चन्द, पूजा ठाकुर व रमा ठाकुर जिला बाल संरक्षण इकाई से शामिल रहे।