उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा है कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए प्रत्येक शिक्षण संस्थान में गठित प्रहरी क्लबों को सक्रियता दिखानी चाहिए तथा संस्थान के आस-पास किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। सोमवार को मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं तस्करी के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य पर बचत भवन में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने यह अपील की। इस कार्यक्रम के दौरान शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया तथा मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन माध्यम से सभी लोगों को नशे का विरोध करने की शपथ भी दिलाई गई।
उपायुक्त ने कहा कि भारत सबसे ज्यादा युवाओं वाला देश है और यह युवाशक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन, अगर युवा पीढ़ी को नशे के जाल से न बचाया गया तो हमारे देश के समक्ष बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नशे की लत के शिकार लगभग 75 प्रतिशत लोगों का उपचार ही नहीं हो पाता है। ऐसे लोगों को नशे के जाल से बाहर निकालने और इस समस्या के उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को एक जिम्मेदार नागरिक का परिचय देते हुए नशे का विरोध करना चाहिए।
इस अवसर पर एसपी डॉ. आकृति शर्मा ने भी नशे की समस्या पर अपने विचार एवं अनुभव सांंझा करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन एवं तस्करी के मामलों में युवाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों, अभिभावकों और अन्य सभी वर्गों से पुलिस का सहयोग करने की अपील भी की।
इससे पहले जिला कल्याण अधिकारी राकेश पुरी ने डीसी, एसपी, अन्य अधिकारियों तथा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा 19 से 26 जून तक आयोजित किए गए नशा विरोधी अभियान की विस्तृत जानकारी दी और इस अभियान में भाग लेने वाले सभी विभागों एवं संस्थानों का आभार व्यक्त किया। नशा मुक्ति केंद्र की संचालक रचना कुमारी ने इस केंद्र की गतिविधियों की जानकारी दी। ड्रग निरीक्षक दिनेश गौतम ने भी नशे की समस्या के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया। आईटीआई हमीरपुर और केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर के विद्यार्थियों ने जागरुकता कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन प्रतिभागियों और नशा विरोधी अभियान के दौरान आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम में डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजकुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी बलवीर सिंह बिरला, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विनोद गर्ग और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।