उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज यहाँ बचत भवन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निवारण दिवस के उपलक्ष पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है और इस बुराई से लड़ने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होना होगा तभी हम इस अभिशाप को जड़ से खत्म कर सकते हैं। नशा शरीर के लिए जहां खतरनाक है, वहीं अपराध का भी मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने समाज में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को नशे के खिलाफ जागरूक करने की भी आवश्यकता है ताकि बढ़ते नशे के चलन को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के निवारण के लिए प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने एक प्रस्ताव में 7 दिसम्बर 1987 से इसे मनाने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैं।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा 19 से 25 जून तक पूरे सप्ताह नशे के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि हम सभी को आज से नशे के खिलाफ प्रण लेने की आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढ़ियों को नशे के चंगुल से बचाया जा सके।
उपायुक्त ने उपस्थित सभी लोगों को इस दौरान नशा मुक्त हिमाचल अभियान की शपथ भी दिलाई।
उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने समाज में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को नशे के खिलाफ जागरूक करने की भी आवश्यकता है ताकि बढ़ते नशे के चलन को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के निवारण के लिए प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने एक प्रस्ताव में 7 दिसम्बर 1987 से इसे मनाने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैं।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा 19 से 25 जून तक पूरे सप्ताह नशे के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि हम सभी को आज से नशे के खिलाफ प्रण लेने की आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढ़ियों को नशे के चंगुल से बचाया जा सके।
उपायुक्त ने उपस्थित सभी लोगों को इस दौरान नशा मुक्त हिमाचल अभियान की शपथ भी दिलाई।