himachal:एक ही शहर में 33 साल नौकरी के बाद अब हाईकोर्ट ने भेजे किन्नौर और लाहौल

बिजली बोर्ड में कार्यरत दो सहायक अभियंताओं (एसडीओ) को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने एक को लाहौल-स्पीति तो दूसरे को किन्नौर भेजने के आदेश दिए हैं। अदालत ने 1 मई तक अनुपालना रिपोर्ट भी तलब की है। दोनों अधिकारियों के तीन दशक से अधिक समय तक शिमला में ही तैनाती पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

याचिकाकर्ता राजेश ने महज चार किलोमीटर दूर हुए तबादला आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। आरोप लगाया गया था कि उनका तबादला राजनीतिक सिफारिश पर मल्याणा से खंड नंबर दो कसुम्पटी के लिए किया गया है। आरोप लगाया गया कि प्रतिवादी देवेंद्र सिंह को समायोजित करने के लिए मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सिफारिश की है। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को तलब किया और पाया कि दोनों ही अधिकारी पिछले 33 साल से राजधानी शिमला में ही तैनात हैं।

बिजली बोर्ड ने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राजेश ने वर्ष 1990 से 2004 तक खंड नंबर एक में सेवाएं दीं। उसके बाद उनका तबादला खंड नंबर दो के लिए किया गया, जहां उन्होंने वर्ष 2021 तक सेवाएं दीं। उसके बाद खंड नंबर दो के अंतर्गत ही उन्हें मल्याणा स्थानांतरित किया गया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि 18 मार्च, 2023 को उनका तबादला मल्याणा से खंड नंबर दो कुसुम्पटी के लिए किया गया और प्रतिवादी को उनकी जगह मल्याणा में तैनाती दे दी गई।

Author: admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *