मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों, फील्ड में तैनात चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजरों को निर्देश दिए हैं कि वे मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में सभी आवश्यक कदम उठाएं और अगर किन्हीं कारणों से शिशु या माता मृत्यु हो जाती है तो ऐसे मामलों को तुरंत रिपोर्ट करें। जच्चा-बच्चा की मौत के मामलों में कमी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने और ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग के लिए तैयार किए गए एमपीसीडीएसआर (मैटरनल, प्री नैटल, चाइल्ड डेथ, सर्विलांस एंड रिस्पांस) सॉफ्टवेयर के संबंध में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ये निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपने-अपने क्षेत्रों में इस तरह के मामलों का विश्लेषण भी करें और मातृ-शिशु की मृत्यु के कारणों का पता लगाएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस तरह की मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग एवं विश्लेषण के लिए एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। संबंधित चिकित्सा अधिकारियों तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. रमेश रत्तू ने चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों को एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता, जिला सूचना एवं सम्प्रेषण अधिकारी सुरेश शर्मा और अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।