प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत का सवर्धन आवश्यक:अभिषेक गर्ग

प्राचीन लोक सांस्कृतिक को संजोए रखने के लिए लोक कलाकार अपनी अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। कलाकार प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक सेतु के रूप में कार्य करते है। यह विचार उपमण्डलाधिकारी (ना.) सदर अभिशेक गर्ग ने राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले में कहलूर लोकोत्सव के अवसर पर प्रकट किए।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने कहा कि अथक मेहनत, सर्मपण, त्याग और आस्था से प्राचीन लोक सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक युग तक सहेजने वाले लोक कलाकारों को उत्कृष्ट मंच और सम्मान मिले इसके लिए निरन्तर प्रयास जारी है। उन्होने बताया कि कहलूर लोकोउत्सव का आयोजन 20 मार्च तक किया जाएगा। इस अवसर पर कहलूर लोकाउत्सव के प्रथम दिन लगभग 30 सांस्कृतिक दलों व महिला मंडलों ने भाग लिया और संस्कार गीत, लोक गीत, लोक नाटय, समूह गान व लोक नृत्य आदि की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।

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