नाकामी की मिसाल है इस बार का बजट: डॉ सन्नी शुक्ला

शिमला || 19 मार्च 2025 || हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट अनुमान 2025–26 पर प्रदेश युवा मोर्चा के महामंत्री डॉ सन्नी शुक्ला ने कहा कि यह बजट पूर्णतया निराशा से भरा और विजन से कोसों दूर है। इस बजट में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए कोई न कोई धनराशि है और नहीं प्रदेश सरकार कि किसी बड़ी योजना का कोई जिक्र है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब बजट के आकार में पूर्ण बजट के मुकाबले कोई वृद्धि नहीं हुई है। जब भी बजट प्रस्तुत किया जाता है तो उसमें सरकार की ओर से सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की चुनौतियों पर बात की जाती है, लेकिन वर्तमान बजट तथ्यों को छुपाने केंद्र सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने के लिए जानी जाएगी।

डॉ शुक्ला ने कहा कि जब किसी वर्ष के बजट में पुराने वर्ष के बजट के मुकाबले मात्र 71 करोड़ यानी 0.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही आधारभूत ढांचे के विकास के लिए सरकार की ओर से मात्र 24 प्रतिशत की ही धनराशि खर्च की जाएगी। वर्ष 2018- 19 से 2022- 23 तक बजट में प्रति 100 रुपए पर विकास कार्यों पर खर्च क्रमशः 39 रुपए, 39 रुपए, 41.22 रुपए, 43.94 रुपए और 38 रुपए रहे हैं। लेकिन वर्तमान सरकार में विकास सहित अन्य कार्यों के लिए मात्र ₹24 रुपए रह गया है। बजट में सरकार के इसी रवैये से ही साफ है कि इस बार भी प्रदेश के विकास को प्राथमिकता नहीं मिली है इस बार का बजट भी पिछले दो बजट की तरह निराशा से भरा हुआ है। इस बजट में सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी कटौती की गई है जिससे स्पष्ट है कि इस बार भी प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विकास के कार्य लगभग ना के बराबर होंगे। सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकार की पिछले 2 बजट की सारी घोषणाएं अभी भी शून्य पर अटकी हुई है।

उन्होंने ने कहा कि कमियां जब एक दो होती हैं तो गिनाई जा सकती हैं लेकिन यहां एक भी अच्छाई नहीं दिखाई देती हैं। जब पिछले बजट की तरफ देखते हैं तो मुख्यमंत्री की एक से बढ़कर एक झूठी घोषणाएं नजर आती हैं। जो पहले बजट में घोषणाएं की गई थी आज भी वैसे की वैसे पड़ी हुई है। घोषणा की और इसके बाद खुद ही भूल गई है। सुक्खू सरकार के तीनों बजट किसी झूठ के बुलंदी से ज्यादा कुछ नहीं लगता। पहले बजट में मुख्यमंत्री एवं एकल नारी आवास योजना की घोषणा की गई थी, योजना की प्रगति आज भी शून्य है। इसी तरह छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी सब्सिडी की घोषणा गई थी आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। । दुर्भाग्य यह है कि सुक्खू सरकार द्वारा बजट में लिए गए सभी वादे जमीन पर उतरने के बजाय बजट की किताब के बाहर निकल कर किसी सरकारी कागज में भी नहीं उतर पाए।

डॉ सन्नी शुक्ला ने कहा की इसी तरह के वादे मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर भी किए गए थे। प्रदेश में अत्यधिक एमआरआई मशीन, पेट स्कैन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की गई थी। लेकिन सरकार ने इस बार के बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के लोगों में संजीवनी की तरह जानी जाने वाली हिम केयर योजना का जिक्र तक नहीं किया। जिन झूठी गारंटियों के दम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी सरकार ने उन गारंटियों को दफन कर दिया। अब उनके बारे में सरकार कोई बात ही नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने कुल चार योजनाएं अपने और गांधी परिवार के नाम से शुरू की है इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, जिसके तहत सरकार ने मात्र डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत सरकार द्वारा मात्र 21 करोड़ 93 लख रुपए खर्च किए गए हैं। सुखाश्रय योजना के तहत सरकार द्वारा 11 करोड़ 35 लख रुपए खर्च किए गए हैं। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 2 करोड़ 91 लख रुपए खर्च हुए। सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 37 करोड़ 70 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि इन योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ही सरकार ने इससे ज्यादा पैसे खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट हर लिहाज से प्रदेश और प्रदेशवासियों की हितों की रक्षा करने में सफल नहीं है। इसलिए वह इस बजट का समर्थन नहीं करते हैं।

Author: admin

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