शिमला || 12 मार्च 2025 || अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने ब्यान जारी करते जानकारी दी है कि आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधि मंडल हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल जी बढ़ते नशे के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ते हुए नशे के खिलाफ ठोस कार्यवाही की जाए।
नैंसी अटल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ सामाजिक, सरकारी और ग़ैर सरकारी संगठनों के द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार प्रदेश में औसतन 35-36% नशे का प्रचलन हो चुका है! यह आँकड़े सर्वे किए गए सैंपल्स में से निकल कर आये हैं! हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के द्वारा 2020 के मध्य में कुल 27 नशा मुक्ति केंद्रों में किए गए (कोविड -19 के दौरान ) किए गए सर्वे के अनुसार 15-40 वर्ष की आयु सीमा में चिट्टे की लत्त के लगभग 39% मरीज; चरस भांग के 22.64%। शराब के 21.36% मरीज़ पाए गए थे! बाक़ी मरीज़ सिंथेटिक ड्रग्स जिनमे अधिकतर पेन किलर्स व अन्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग से संबंध रखने वाले पाए गए थे!
उन्होंने कहा कि युवाओं का नशे की लत में पड़ना अत्यंत चिंताजनक विद्यार्थी परिषद प्रदेश भर में नशे को रोकने हेतु *”अभिनिवृति :–नशे से मुक्ति”* नाम से अभियान पूरे प्रदेशभर में चल रहा है। इस अभियान के निमित्त इकाई स्तर पर विद्यार्थी परिषद एसडीएम, डीसी, एसपी,जनप्रतिनिधि,माननीय मुख्यमंत्री जी व माननीय राज्यपाल जी को ज्ञापन सौंप रही है। इसी संदर्भ में विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने माननीय राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल जी को “अभिनिवृति” अभियान के तहत ज्ञापन सौंपा।
नशाखोरी के प्रमुख कारणों में युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, कौशल आधारित शिक्षा का अभाव, डिप्रैशन ग्रस्त युवा एवं व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता में कमी होना है। जिसके लिए सरकार और प्रशासन को ध्यान देना एवं ठोस कदम उठाने चाहिए। विद्यार्थी व युवा देश का भविष्य ही नहीं बल्कि देश का वर्तमान भी हैं। अगर देश का वर्तमान ही नशा माफिया के चंगुल में फंसकर अपना भविष्य अंधकारमय बना देगा तो देश का भविष्य भी सुरक्षित नहीं होगा। अभाविप, नशा माफिया के पूरे गठजोड़ पर करारी चोट करते हुए उनपर कठोरतम कार्रवाई करने की मांग करती है ताकि देश का वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित हों।
जारीकर्ता, नैंसी अटल, प्रांत मंत्री हिमाचल प्रदेश,9805661596