आउटसोर्स एजेंसियों की बजाय डायरेक्ट वर्करों को पैसा क्यों नहीं देती सरकारः सीटू

नाहन || 30 सितम्बर, 2024 || हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी, ठेका मजदूर और फिक्स टर्म मजदूरों ने अपनी स्थाई नीति और समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए। जिला मुख्यालय नाहन में सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार के नेतृत्व में आउटसोर्स कर्मी डीसी सिरमौर से मिले। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए।  सीटू महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि सरकार आउटसोर्स वर्कर का शोषण कर रही है। आउटसोर्स एजेंसियों को भ्रष्टाचार का जरिया बनाया गया है।  देखा जाए तो 5 से 7 हजार रुपये सरकार का आउटसोर्स एजेंसी को जाता है, जिनका सरकार के कामकाज और सरकारी काम की गुणवत्ता बढ़ाने या उत्पादन बढ़ाने में कोई योगदान नहीं है।
आशीष कुमार ने कहा, “आउटसोर्स एजेंसियों को सरकारी पैसा दिया जाता है, लेकिन वे कर्मचारियों को कम वेतन देती हैं और अपनी जेब में पैसा रखती हैं। यह भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है.” लिहाजा, सरकार को आउटसोर्स एजेंसियों की बजाय वर्करों को सीधा पैसा देना चाहिए, ताकि, कमीशन का धंधा खत्म हो। इन कंपनियों को मेहनत करने वाले वर्करों की जेब में डाका डालने का ये जरिया बना दिया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने उन आउटसोर्स कर्मियों से भी अपील की कि जो आज सरकार का हिमायती बनने की कोशिश कर रहे हैं. कहा, “किसी मंत्री विशेष या विधायक का खास होने से पॉलिसी नहीं बनने वाली है.” इसके लिए सभी को सामने आना पड़ेगा और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी होगी। इस मौके पर  प्रतिनिधिमंडल में जिला आउटसोर्स अध्यक्ष यशपाल, जिला महासचिव रिजवान, सोनम, कृतिका, कुलदीप, रोहित, मीनाक्षी, रुचि, जगत नेगी, प्रियंका और अलग अलग विभागों से कई आउटसोर्स कर्मी शामिल हुए।
Author: admin

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