उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने आज यहां बताया कि जिला किन्नौर में हुई मूसलाधार बारिश व बाढ़ के कारण जिला में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक जिला में लगभग 88 करोड़ 95 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
उपायुक्त ने बताया कि आज जिला के कामरू में आई बाढ़ के कारण लगभग 27 गाड़ियां मलबे के नीचे दब गई हैं जिन्हें निकालने का कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त रूनंग खड्ड में आई बाढ़ से राष्ट्रीय उच्चमार्ग-5 बंद हो गया था जिसे अब छोटी गाड़ियों के लिए बहाल कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला में 16 लिंक रोड़ बंद हैं, 2 ट्रांसफोर्मर तथा 11 पेयजल योजनाएं बंद हैं जिन्हें बहाल करने के लिए लोक निर्माण, विद्युत व जल शक्ति विभाग दिन-रात कार्यरत है।
तोरूल रवीश ने कहा कि जिला में खराब मौसम के चलते 25 जुलाई, 2023 तक हाई अलर्ट जारी किया गया है तथा उन्होंने सभी जिलावासियों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में रहें सुरक्षित रहें तथा अति आवश्यक कार्य पड़ने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जिला के निचार उपमण्डल व सांगला तहसील के सभी स्कूलों को आगामी तीन दिनों तक खराब मौसम के चलते बंद कर दिया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में लम्पी वाईरस में हो रही बढ़ौतरी के चलते पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला से विशेषज्ञों के दल की मांग की गई थी, जिसके तहत जिला में 4 विशेषज्ञों की टीम जिला के विभिन्ना स्थानों में आगामी दिनों में लम्पी वाईरस की रोकथाम व इससे बचाव बारे जागरूकता शिविरों का आयोजन करेेगी। उन्होंने जिला के सभी पशुपालकों से आग्रह किया कि वे इन जागरूकता शिविरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करें।
उपायुक्त बताया कि जिला में बारिश व विपरीत मौसम परिस्थितियों के चलते इस वर्ष की किन्नर-कैलाश यात्रा 15 अगस्त से 31 अगस्त, 2023 तक प्रस्तावित कर दी गई है जोकि पूर्व में 01 अगस्त से 15 अगस्त, 2023 तक प्रस्तावित थी। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त से प्रस्तावित किन्नर कैलाश यात्रा उस समय की मौसम परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।