नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष में रेशम कीट पालन और मछली पालन के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने पर विचार कर रही है। उन्होंने यह बात हंबोट पंचायत में आयोजित किसान जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए कही।
“कृषि के साथ अब रेशम और मत्स्य पालन को भी मिलेगा सरकारी संरक्षण”
राजेश धर्माणी ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों के लिए MSP प्रदान कर रही है — मक्का : ₹40 प्रति किलो, गेहूं : ₹60 प्रति किलो, कच्ची हल्दी : ₹90 प्रति किलो, पांगी क्षेत्र का जौ : ₹60 प्रति किलो, “इसी तर्ज पर अब रेशम कीट पालन और मत्स्य पालन को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाने पर गंभीरता से विचार हो रहा है,” उन्होंने कहा।
“कृषक सशक्तिकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता”
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए और किसानों की आमदनी दोगुनी हो। “प्रदेश की लगभग 90% आबादी गांवों में निवास करती है, इसलिए सरकार की सभी नीतियां इस दिशा में केंद्रित हैं कि किसानों के हाथों तक अधिकतम आर्थिक लाभ पहुंचे।” उन्होंने बताया कि पिछले ढाई वर्षों में किसानों की आय बढ़ाने और जीवन स्तर सुधारने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
“जागरूकता शिविरों से किसान होंगे तकनीकी रूप से सशक्त”
राजेश धर्माणी ने कहा कि किसान जागरूकता शिविर सरकार की महत्वपूर्ण पहल हैं, जिनका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की जानकारी देना है। इन शिविरों में कृषि विशेषज्ञ किसानों को “उर्वरकों के संतुलित उपयोग, बीज चयन, कीट नियंत्रण और उन्नत खेती पद्धतियों” के बारे में प्रशिक्षण देते हैं।
पशुपालन को नई दिशा — किसान क्रेडिट कार्ड से ₹2 लाख तक का बिना गारंटी ऋण
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को सशक्त करने के लिए जिला बिलासपुर में 15 नई डेयरी कोऑपरेटिव समितियाँ गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि अब पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से “₹2 लाख तक का ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि यह सुविधा किसानों को डेयरी विस्तार और पशुपालन निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी।
एपीएमसी की भूमिका और किसान एक्सपोजर विजिट
एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल वर्धन ने बताया कि किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें अन्य राज्यों के कृषि मॉडल से अवगत कराने के लिए एक्सपोजर विजिट आयोजित किए जाएंगे, जिनका पूरा व्यय एपीएमसी उठाएगी।
किसानों को दी गई योजनाओं की जानकारी
शिविर के दौरान कृषि, पशुपालन, उद्यान एवं बैंकिंग संस्थानों के अधिकारियों ने किसानों को निम्न योजनाओं की जानकारी दी —एचपी शिव परियोजना, प्राकृतिक खेती योजना, मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना, मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना, शिविर में 200 से अधिक किसानों को उन्नत किस्म के बीज भी वितरित किए गए।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि प्रेम ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी नरेश कुमार, ग्राम पंचायत प्रधान नंदलाल सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
 
					