जिला खाद्य सुरक्षा विभाग बिलासपुर की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को उपायुक्त राहुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में खाद्य गुणवत्ता, निरीक्षण, पैकेजिंग सुरक्षा और तेल उपयोग पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
“हर खाद्य विक्रेता पर होगी सख्त निगरानी”
उपायुक्त राहुल कुमार ने सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) को निर्देश दिए कि “होटलों, रेस्टोरेंटों और छोटे फास्ट फूड विक्रेताओं का निरीक्षण बढ़ाया जाए, और जिले के सभी इलाकों में कच्चे व तैयार दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थों की जांच सुनिश्चित की जाए।” उन्होंने कहा कि गैर-खाद्य ग्रेड प्लास्टिक या समाचार पत्र में पैकिंग करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही, विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों और बाल देखभाल संस्थानों में जागरूकता गतिविधियाँ बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
आरयूसीओ पहल के अंतर्गत पुनः उपयोग किए तेल पर नियंत्रण
राहुल कुमार ने कहा कि आरयूसीओ (Repurpose Used Cooking Oil) पहल के तहत सभी पात्र खाद्य व्यवसाय संचालकों को जोड़ा जाए ताकि बार-बार उपयोग किए गए तेल को उचित तरीके से निपटाया जा सके। “मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त तेल को कंपनियां पुनः खरीदेंगी। विक्रेता एक ही तेल को तीन बार से अधिक तलने के लिए उपयोग न करें,” उन्होंने स्पष्ट किया।
दिसंबर 2025 में होगा “खाद्य सुरक्षा मैराथन” कार्यक्रम
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि दिसंबर 2025 में एक मैराथन कार्यक्रम आयोजित किया जाए, जिसमें शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास (ICDS) और खाद्य आपूर्ति विभाग की सक्रिय भागीदारी हो। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जन-जागरूकता और सुरक्षित भोजन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना रहेगा।
विभागीय समीक्षा — 9.39 लाख का जुर्माना, 6 नमूने फेल
सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) महेश कश्यप ने जानकारी दी कि 7048 पंजीकरण और 409 लाइसेंस वर्तमान में सक्रिय हैं। अब तक 111 खाद्य सैंपल लिए गए, जिनमें से 6 नमूने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं पाए गए। इन पर 15 मामलों में कुल ₹9,39,500 का जुर्माना लगाया गया है।
बैठक में रहे उपस्थित अधिकारी
बैठक में डीएसपी मदन लाल, डीएफएससी बृजेन्द्र पठानिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी (ICDS) हरीश मिश्रा, डॉ. कंचन बाला, खगेंद्र सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनी कुमारी, रीतू बाला, रेनूका और दीपक शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
 
					