उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला स्वच्छ विद्यालय रेटिंग समिति राहुल कुमार ने बताया कि स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग (एसएचवीआर-2025) कार्यक्रम के अंतर्गत जिला बिलासपुर के कुल 838 सरकारी और निजी विद्यालयों ने अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि यह पहल पूर्व में संचालित “स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार” कार्यक्रम का विस्तारित और सार्वभौमिक संस्करण है, जिसका उद्देश्य विद्यालयों को स्वच्छता, स्वच्छ व्यवहार, पर्यावरण संरक्षण एवं स्थायी विकास के मॉडल के रूप में विकसित करना है। उपायुक्त आज बचत भवन, बिलासपुर में इस कार्यक्रम की समीक्षा हेतु आयोजित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
6 थीमेटिक क्षेत्रों पर आधारित 5-स्टार रेटिंग प्रणाली
राहुल कुमार ने बताया कि एसएचवीआर-2025 के तहत विद्यालयों का मूल्यांकन छह थीमेटिक क्षेत्रों पर आधारित है —जल प्रबंधन, शौचालय सुविधाएं, हाथ धोने की व्यवस्था, संचालन एवं अनुरक्षण, व्यवहार परिवर्तन एवं क्षमता निर्माण, तथा मिशन लाइफ से जुड़ी हरित पहलें। इन सभी पहलुओं के आधार पर विद्यालयों को 1 से 5 सितारा (Star) श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
27 विद्यालयों ने पाया 5-स्टार दर्जा
बिलासपुर जिले के 793 सरकारी और 43 निजी विद्यालयों ने 4 अगस्त से 15 अक्तूबर 2025 के बीच एसएचवीआर पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से स्व-मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी की। इस मूल्यांकन में — 27 स्कूलों ने स्वयं को 5-स्टार, 491 स्कूलों ने 4-स्टार, 318 स्कूलों ने 3-स्टार, और 2 स्कूलों ने 2-स्टार श्रेणी में रखा है। इनमें से 813 विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 25 विद्यालय शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं।
उच्च श्रेणी वाले स्कूलों को मिलेगा प्रशस्ति पत्र
उपायुक्त ने कहा कि 51% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों (3-स्टार और उससे ऊपर) को जिला स्तर पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ऐसे विद्यालयों के निरीक्षण, मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण का कार्य जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें जल शक्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा विभागों के अधिकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
31 अक्तूबर तक होगा भौतिक सत्यापन
जिला स्तरीय समिति द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से 6 विद्यालयों (श्रेणी-1 के तीन और श्रेणी-2 के तीन) तथा शहरी क्षेत्र से दो विद्यालयों (श्रेणी-1 और श्रेणी-2 से एक-एक) का चयन किया जाएगा। इन चयनित विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कार्य 31 अक्तूबर 2025 तक पूर्ण किया जाएगा।
स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम
राहुल कुमार ने कहा — “एसएचवीआर-2025 कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन की भावना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य विद्यालयों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और व्यवहार परिवर्तन की संस्कृति को स्थायी रूप देना है।” उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि विद्यालयों को प्रोत्साहित करने हेतु साझा नवाचारों और सफल मॉडलों का दस्तावेज़ीकरण कर अन्य विद्यालयों तक भी पहुँचाया जाए।
बैठक में रहे उपस्थित
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा, उपनिदेशक, स्कूल क्वालिटी निशा गुप्ता, प्रधानाचार्य, डाइट बिलासपुर राकेश कुमार, तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
 
					