विधानसभा सत्र से पहले प्रश्न हटाने पर भाजपा का आरोप

भाजपा विधायकों सुधीर शर्मा, आशीष शर्मा और वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा सत्र से पहले महत्वपूर्ण प्रश्नों को जानबूझकर हटाया गया, ताकि सरकार असुविधाजनक सवालों से बच सके।

नेताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार में “हिटलर राज” चल रहा है — सरकार जो चाहती है, वही कर रही है, चाहे जनता को नुकसान हो या विपक्ष को।


“रहस्यमय तरीके से प्रश्न हटाए गए”

भाजपा नेताओं ने बताया कि ये प्रश्न विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर पहले से उपलब्ध थे, लेकिन सत्र शुरू होने से ठीक पहले इन्हें योजना पूर्वक हटाया गया


“वोट फॉर कैश” का आरोप

भाजपा नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद महिला मंडलों को लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए, जो एक प्रकार से “वोट फॉर कैश” स्कीम है।
उन्होंने दावा किया कि इस मामले की जानकारी RTI के माध्यम से सामने आ चुकी है, लेकिन सरकार जवाब देने से बच रही है।


आबकारी नीति और राजस्व पर सवाल

  • नई आबकारी नीति को लेकर भी भाजपा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

  • भाजपा विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने राज्य का राजस्व 45% बढ़ने का दावा किया था।

  • वास्तविक आंकड़ों के अनुसार राजस्व में गिरावट आई है और यह केवल 4% तक सिमट गया है

  • भाजपा ने विधानसभा में शराब ठेकेदारों की डिफॉल्टर सूची और रेड एंट्री का विवरण भी मांगा था, लेकिन सरकार ने जानकारी साझा नहीं की।


भाजपा की मांग

भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार को इन मुद्दों पर स्पष्ट और पारदर्शी जवाब देना चाहिए, अन्यथा यह साबित होगा कि सरकार जनहित के बजाय केवल अपने राजनीतिक स्वार्थों को साधने में लगी है।