हिमाचल प्रदेश सरकार ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में एचपी शिवा परियोजना पर 100 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया है। इस परियोजना का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। जिला बिलासपुर के बरठीं क्षेत्र के टिहरी क्लस्टर में लगभग 100 बीघा भूमि पर 44 किसानों ने अनार की खेती शुरू की है।
अनार की फसल से नई उम्मीद
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वर्ष 2021 में फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन (एफएलडी) के तहत 2 हैक्टेयर भूमि पर अनार की पौध लगाई गई।
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वर्ष 2022 में इसे बढ़ाकर 8 हैक्टेयर (लगभग 100 बीघा) कर दिया गया।
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यहाँ भगवा प्रजाति के 8,900 पौधे लगाए गए हैं।
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इस वर्ष 60 मीट्रिक टन अनार उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
इस क्लस्टर को संचालित करने के लिए दि बरठीं कन्वर्जिंग हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन मार्केटिंग एसोसिएशन (CHPMA) सहकारी समिति का गठन किया गया है।
किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी
किसान प्रेम लाल नड्डा, सहकारी समिति के प्रधान, ने बताया कि
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पिछले वर्ष कुछ किसानों ने 1 से 1.5 लाख रुपये तक कमाए।
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इस बार आमदनी 3 से 4 लाख रुपये तक पहुँचने की उम्मीद है।
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फसल के साथ-साथ कुछ किसानों ने गेंदे के फूल से भी 25 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी अर्जित की।
किसान सोम देव शर्मा ने बताया कि उनके 125 पौधों से प्रति पौधा 25–30 किलो अनार उत्पादन की संभावना है।
विशेषताएं और सुविधाएं
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अनार की भगवा प्रजाति लगभग बिना बीज की होती है।
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इसका छिलका पतला और रस अधिक होता है।
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स्वाद में भी यह बेहतर है और बाजार में अच्छे दाम मिलने की संभावना है।
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शिवा परियोजना के अंतर्गत भूमि विकास, ड्रिप सिंचाई, सोलर बाड़बंदी और 2 लाख लीटर पानी की टंकी जैसी सुविधाएं किसानों को मिली हैं।
अधिकारियों की राय
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डॉ. जगदीश चंद वर्मा (उपनिदेशक बागवानी): जिले में 37 क्लस्टर बनाए गए हैं। नींबू, अमरूद और अनार की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। टिहरी क्लस्टर जिले का एकमात्र अनार क्लस्टर है।
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राहुल कुमार (उपायुक्त, बिलासपुर): शिवा परियोजना से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया।