अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार लगातार सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी को कमजोर करने की दिशा में काम कर रही है।
विश्वविद्यालय का दायरा घटा
नैंसी अटल ने कहा कि 2023 में जब विश्वविद्यालय खोला गया था, तब इसके अंतर्गत 128 कॉलेज आते थे, लेकिन सरकार ने दायरा घटाकर इसे मात्र 42 कॉलेजों तक सीमित कर दिया। हाल ही में जारी बीएड कॉलेजों की नोटिफिकेशन के बाद यह संख्या घटकर सिर्फ 24 कॉलेज रह गई है। यह कदम सरकार की विश्वविद्यालय को धीरे-धीरे समाप्त करने की मंशा को दर्शाता है।
बीएड कॉलेज हटाना सीधा प्रहार
अटल ने कहा कि सबसे खतरनाक कदम सरकार का बीएड कॉलेजों को हटाकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में मिलाने का निर्णय है। बीएड कॉलेज इस विश्वविद्यालय की शैक्षणिक रीढ़ थे और इन्हें हटाकर सरकार विश्वविद्यालय को मात्र एक क्लस्टर विश्वविद्यालय तक सीमित करना चाहती है।
सरकार की छात्र-विरोधी नीतियां
उन्होंने कहा कि
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लंबे समय तक विश्वविद्यालय में EC और FC का गठन न करना
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स्टाफ नियुक्तियां रोकना
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बजट की कमी पैदा करना
सरकार की छात्र-विरोधी नीति को उजागर करता है।
छात्रों की समस्याओं पर चुप्पी
उन्होंने बताया कि कांगड़ा और चंबा के छात्रों की कक्षाएं और परीक्षाएं शुरू करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
एबीवीपी की चेतावनी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि बीएड कॉलेज हटाने का निर्णय वापस नहीं लिया गया और विश्वविद्यालय के विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार
नैंसी अटल ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय प्रदेश का दूसरा बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसे इसलिए खोला गया था ताकि आधे हिमाचल के छात्रों को दूर-दराज़ न जाना पड़े। इसे कमजोर करना न केवल छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय है बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।