महिला एवं बाल विकास योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर: उपायुक्त अमरजीत सिंह

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने मंगलवार को हमीर भवन, हमीरपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि यह विभाग लगभग 68% आबादी से जुड़ी योजनाओं को लागू करता है और इनके सफल क्रियान्वयन से प्रदेश व समाज की प्रगति सुनिश्चित होती है।

विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए तीनों विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।

आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति और पोषण कार्यक्रम

जिले में 1351 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 96 विभागीय भवनों में और शेष अन्य भवनों, स्कूलों व सामुदायिक केंद्रों में चल रहे हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि इन केंद्रों में बिजली, पानी और शौचालय की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाए।
विशेष पोषण कार्यक्रम के तहत 3 साल तक के 12,381 बच्चे, 2,374 गर्भवती महिलाएं और 1,760 धात्री महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। गंभीर कुपोषण के 133 और आंशिक कुपोषण के 684 बच्चों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।

महिलाओं के लिए सुरक्षा और सहायता योजनाएं

अत्याचार पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर व महिला हेल्पलाइन 181 संचालित है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत 15 लाख रुपये का बजट मिला है, जिससे शिशु लिंगानुपात 951 तक पहुंचा।
मुख्यमंत्री शगुन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना और विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

बेसहारा बच्चों और युवाओं के लिए सहयोग

345 बेसहारा बच्चों को प्रति माह ₹4,000 दिए जा रहे हैं, वहीं 18 से 27 वर्ष के युवाओं को शिक्षा, मकान और विवाह के लिए अनुदान दिया जा रहा है। बाल आश्रम सुजानपुर के बच्चों को भी उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।

बैठक में कार्यकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान, जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनीष राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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