हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ दोनों संगठनों की संयुक्त राज्य कमेटी की विस्तारित बैठक आयोजित

शिमला || 23 फरवरी 2025 || हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ दोनों संगठनों की संयुक्त राज्य कमेटी की विस्तारित बैठक हुई।

इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर से अखिल भारतीय किसान सभा से प्रभारी पुष्पेंद्र त्यागी ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूरे भारत में किसानी व किसानों पर बहुत बड़ा हमला हो रहा है। जिस तरह से आज हिमाचल में किसानों की जमीन से बेदखली की जा रही है उसी तरह से पूरे भारत में भी जमीनों को कोरपोरेट को सोपने के चलते किसानों को जमीन बेदखल किया जा रहा है। केंद्रीय सरकार के बजट में भी साफ नजर आ रहा है कि किसानों की किस तरह बजट में अनदेखी की गई है।

आगामी सितम्बर माह में अखिल भारतीय स्तर पर जमीन के मुद्दे को लेकर किसानों का अधिवेशन किया जाएगा।

उसके उपरांत राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर ने हिमाचल में किसानों की परिस्थिति पर बात रखी कि हिमाचल में ज्यादातर किसानों के पास जीवन यापन करने के लिए बहुत कम जमीन है। और जो थोड़ी बहुत अपने खेत, घर के आस पास सरकारी जमीन पर कुछ उत्पादन कर रहा है सरकार उसे भी छीन रही है।

2015 से 2018 तक चले किसान आन्दोलन के चलते सरकार को पीछे हटना पड़ा। अगर लोग इक्कठे होगे तो सरकार को किसानों के पक्ष में फैसला लेने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े पूंजीपतियों व उद्योगपतियों को जमीन दे देगी लेकिन किसानों के लिए जमीन नहीं देगी। हिमाचल की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय यह है कि लगभग 68 प्रतिशत जमीन केंद्र सरकार के अधीन 1980 के वन संरक्षण कानून के तहत चली गई।

इसके उपरांत राष्ट्रीय सेब उत्पादक संघ के संयोजक राकेश सिंघा ने किसानों से बात करते हुए कहा कि हमें पूरे हिमाचल के किसानों को जमीन से जुड़े मुद्दों के संगठन बनाते हुए हुए किसानों को इक्कठा करना है। किसानों की बेदखली करने में विभाग कानून की अनदेखी करते हुए लोगों को बेदखल किया जा रहा हैं इसका सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है।

प्रदेश में न तो वन अधिकार कानून को लागू किया जा रहा है और न ही 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को ठीक तरह से लागू किया जा रहा। सरकार ने बाढ़ पीड़ितों व डैम प्रभावितों को जमीन दी वह भी अभी लोगों के नाम नहीं हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि 20 मार्च को विधानसभा पर किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन किया जाएगा।

सभी जिला से आये किसान प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव पेश करते हुए विधानसभा मार्च को सफल बनाने के लिए आश्वस्त किया।

बैठक में कुशाल भारद्वाज मंडी, नारायण चौहान कुल्लू , सतपाल कांगड़ा, राजेंद्र सिरमौर, जय सिंह शिमला,के पी नेगी किन्नौर,सतपाल सिरमौर,देवकी नंद ,निरमंड , रमन थारटा कोटखाई ,अशोक वर्मा सोलन, गीता राम कुल्लू, गोविंद भंडारी मण्डी ने भी चर्चा में भाग लिया।

अन्त में सयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक संजय चौहान ने सभी से जी ने कहा संविधान में अनुच्छेद 21में हमें जीने का अधिकार देता है। कानून को हम भी मानते है पर संविधान को देखते हुए कानून को मानते है। किसानों को संगठित करना होगा। बड़ी कंपनियों के लिए कानून में संशोधन हो सकता है तो किसान के लिए भी संशोधन करना होगा। पर यह तभी संभव है जब किसान अपनी ताकत दिखाएगा।

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