मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए प्रयास अब रंग ला रहे हैं। विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर कई प्रगतिशील किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुधारते हुए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं।
कृष्ण चंद का समग्र खेती मॉडल
हमीरपुर जिला के दियोटसिद्ध क्षेत्र के गांव बाहल अर्जुन के निवासी कृष्ण चंद ने अपनी 40 कनाल पुश्तैनी भूमि पर कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर समग्र खेती का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
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प्राकृतिक खेती
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बागवानी
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पशुपालन
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मत्स्य पालन
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फूलों की खेती (पॉलीहाउस के माध्यम से)
इन सबको मिलाकर आज कृष्ण चंद अपने घर में ही लाखों रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं।
योजनाओं से मिली मदद
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मत्स्य पालन के लिए ₹14 लाख की योजना बनाई, जिसमें से 60% (₹8.40 लाख) सब्सिडी मिली।
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सौर ऊर्जा पंप स्थापित किया।
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उद्यान विभाग से 85% सब्सिडी पर पॉलीहाउस लगाया।
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मुख्यमंत्री के आह्वान पर प्राकृतिक खेती शुरू की।
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खेतों की मेढ़ों पर पलम, आड़ू, खुमानी और अनार के पौधे लगाए।
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साहीवाल नस्ल की गाय रखकर गोबर से जैविक खाद तैयार की।
आय का स्रोत
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फूलों की खेती से सालाना ₹3 से ₹4 लाख शुद्ध लाभ।
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मत्स्य पालन से लगभग ₹2.5 लाख आय।
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पारंपरिक फसलों और फलदार पौधों से अतिरिक्त आमदनी।
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पॉलीहाउस के फूल दिल्ली तक सप्लाई हो रहे हैं।
युवाओं के लिए संदेश
कृष्ण चंद ने कहा कि आज के युवा यदि नौकरी की तलाश में भटकने के बजाय अपनी पुश्तैनी जमीन पर समग्र खेती करें तो:
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घर पर ही अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
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अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर दे सकते हैं।
उन्होंने इसके लिए बार-बार मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।