बिलासपुर, 29 जुलाई 2025 || हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिला बिलासपुर में दूध संग्रहण और प्रबंधन के लिए पंचायत स्तर पर दुग्ध सहकारी समितियों के गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपायुक्त राहुल कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में बताया गया कि पशुपालन विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, बिलासपुर जिले की 101 पंचायतों में प्रतिदिन औसतन 200 लीटर सरप्लस दूध का उत्पादन हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, इन पंचायतों में दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा और मिल्क कलेक्शन सेंटर्स का भी establishment किया जाएगा, ताकि दूध को चिलिंग पॉइंट्स तक उचित तरीके से पहुँचाया जा सके।
प्रथम चरण में 25 पंचायतों का चयन किया गया है, जहाँ सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इन समितियों को आवश्यक लाइसेंस शीघ्र ही जारी कर दिए जाएंगे।
दूसरे चरण में, उन पंचायतों को भी शामिल किया जाएगा जहाँ प्रतिदिन 100 लीटर से अधिक सरप्लस दूध का उत्पादन होता है। इस प्रक्रिया को जल्दी ही शुरू किया जाएगा।
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसानों को उनके दूध के उचित मूल्य दिलाने के लिए समर्पित है और सहकारी डेयरी उत्पादक समितियों के माध्यम से दूध और दुग्ध उत्पादों की खरीददारी, प्रसंस्करण और विपणन की संपूर्ण प्रक्रिया को सशक्त किया जाएगा।
इसके अलावा, किसानों को सहकारी तंत्र से अवगत कराने और उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के लिए सरकार गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में एक्सपोजर विजिट का आयोजन भी कर रही है। उपायुक्त ने उल्लेख किया कि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने इच्छुक पंचायतों को सलाह दी कि वे पशुपालन विभाग से संपर्क करें और कोऑपरेटिव सोसाइटी के गठन की प्रक्रिया के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करें।