सिरमौर जिले के पच्छाद विकासखंड के अंतर्गत वासनी गांव में प्राकृतिक खेती विषय पर एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राज्य कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें प्रगतिशील किसान, कृषि अधिकारी और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी (सोलन) के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने कृषि में रासायनिक आदानों पर निर्भरता कम करने और ‘वन हेल्थ’ (One Health) की अवधारणा को अपनाने का आह्वान किया। प्रो. चंदेल ने कहा कि प्राकृतिक खेती न केवल उत्पादन लागत घटाती है, बल्कि यह किसान, उपभोक्ता और पर्यावरण—तीनों के स्वास्थ्य की रक्षा भी करती है। उन्होंने राज्यभर के उदाहरण देते हुए बताया कि इस पद्धति से किसानों के उत्पादों की गुणवत्ता व विपणन क्षमता में वृद्धि हुई है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि प्राकृतिक खेती ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में अहम योगदान दिया है, जिससे उनकी कृषि निर्णयों में भागीदारी बढ़ी है।
कुलपति ने किसानों से आग्रह किया कि वे उन किसानों के खेतों का भ्रमण करें जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया है, ताकि वे इस पर्यावरण-अनुकूल विधि का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्राकृतिक खेती पर अग्रणी शोध कार्यों की जानकारी भी साझा की और बताया कि विश्वविद्यालय कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर इस विषय पर वैज्ञानिक डाटा तैयार कर रहा है।
आत्मा परियोजना निदेशक डॉ. साहिब सिंह ने बताया कि सिरमौर जिले के लगभग 60,000 किसानों में से 19,000 से अधिक किसान पूर्ण या आंशिक रूप से प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य, विपणन सुविधा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसी पहलों की जानकारी दी।
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राज कुमार ने कहा कि कृषि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने किसानों को फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, और कृषि बुनियादी ढांचे के विकास योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) सिरमौर, धौलाकुआं के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पंकज मित्तल ने किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन और फसल सुधार के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की।
बीएफएसी पच्छाद के सदस्य ओम प्रकाश शर्मा ने कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और किसानों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान प्राकृतिक खेती उत्पादों एवं इनपुट्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे किसानों ने उत्साहपूर्वक देखा। इस अवसर पर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, प्रधान संजीव तोमर, विश्वविद्यालय और कृषि विभाग के अधिकारी, केवीके वैज्ञानिक, एसएमएस डॉ. हीरा लाल, ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर विनोद, सहायक टेक्नोलॉजी मैनेजर, तथा 100 से अधिक किसान, जिनमें कई प्रगतिशील किसान शामिल थे, उपस्थित रहे।