जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांग पिओ स्थित उद्यान भवन में आज एक दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किन्नौरी सेब के संरक्षण और भौगोलिक संकेतक (जी.आई टैग) पर चर्चा हुई।
जी.आई टैग से बढ़ेगा किन्नौरी सेब का महत्व
मुख्य अतिथि उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा:
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किन्नौर का सेब विश्वभर में अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। 
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बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। 
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भौगोलिक संकेतक (GI Tag) से सेब को संरक्षण मिलेगा। 
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यह बागवानों के संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। 
कार्यशाला में हुई विशेष चर्चा
कार्यशाला में निम्न विषयों पर गहन चर्चा हुई:
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किन्नौर की बागवानी के बढ़ते कदम 
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किन्नौरी सेब की विशेषताएं 
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विभागीय योजनाओं का प्रभावी संचालन 
चर्चा का संचालन उप निदेशक उद्यान डॉ. भूपेंद सिंह नेगी और उद्यान विकास अधिकारी डॉ. अजीत सिंह ने किया।
वैज्ञानिकों का योगदान
कृषि विज्ञान केंद्र शारबो के वैज्ञानिकों ने सेब की पारंपरिक पद्धतियों और संरक्षण उपायों पर प्रकाश डाला।
उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में शामिल रहे:
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पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर 
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पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस 
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उप निदेशक उद्यान डॉ. भूपेंद सिंह नेगी 
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विकासशील बागवान व अन्य गणमान्य लोग 
 
					