ऊना, 29 जुलाई 2025 || हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना के माध्यम से बीपीएल (below poverty line) परिवारों की बेटियों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान किया है। इस योजना का उद्देश्य बेटियों के जन्म के अवसर पर उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत, बीपीएल परिवारों में जन्मी प्रत्येक बेटी के लिए 25,000 रुपये की राशि एक बीमा कंपनी में जमा की जाएगी, जो कि अधिकतम दो बेटियों तक उपलब्ध होगी।
बेटियों के माता-पिता को प्रति अभिभावक 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी दिया जाएगा। इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि बेटियां 18 से 27 वर्ष की आयु के बीच अपनी इच्छा अनुसार इस जमा राशि को निकालकर उच्च शिक्षा, स्वरोजगार या अपने भविष्य की किसी अन्य योजना में उपयोग कर सकेंगी।
इस योजना का उद्देश्य बेटियों का भविष्य सुनिश्चित करना और उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। हिमाचल सरकार का मानना है कि बेटियां न केवल परिवारों, बल्कि समाज की नींव हैं। उनका सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त जीवन ही एक प्रगतिशील समाज की स्थापना की कुंजी है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की दूरदर्शी सोच और जनहितैषी दृष्टिकोण के अनुसार, यह योजना केवल वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह बेटियों को आत्मविश्वास और सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देने की एक पहल है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी इस बात को साफ किया है कि सरकार बेटियों के जन्म से लेकर उनके आत्मनिर्भर बनने तक हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
ऊना जिला प्रशासन के उपायुक्त जतिन लाल ने भी इस योजना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और उन्होंने सुनिश्चित किया है कि हर पात्र परिवार इस योजना का लाभ उठाए। उनका यह कहना है कि यह योजना गरीब परिवारों की बेटियों को बचपन से लेकर युवावस्था तक सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया अवसर प्रदान करेगी।
इस प्रकार, इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना न केवल बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने और विकसित करने में भी मदद करेगी।