नाहन||15 जून || हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बहुचर्चित हुए हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के मामले में नया मोड़ आ गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर रिजाइन देने और सुसाइड करने की बात कहने के बाद भूमिगत हुए जसवीर को पुलिस द्वारा हरियाणा के जिला अंबाला के नारायणगढ़ और मुलाना के बीच एक गांव से बरामद कर लिया है। अब हेड कांस्टेबल को मेडिकल कालेज नाहन में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जसवीर अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
ऐसे में हेड कांस्टेबल की बरामदगी के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। कहीं न कहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर अफसरों को बदनाम करने की साजिश सामने आ रही है। इस सिलसिले में डीआईजी स्टेट सीआईडी क्राइम डा. डीके चौधरी ने नाहन में मीडिया से बात करते हुए मामले से जुड़े कई और सवालों के जबाव भी दिए।
डीआईजी स्टेट सीआईडी क्राइम डा. डीके चौधरी ने बताया कि जसवीर पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं इस मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले गुमशुदा जसवीर सैनी की तलाश करना पुलिस के लिए मुख्य मकसद था। अब उनकी बरामदगी से इस मामले की तस्वीर भी साफ होती दिख रही है। उन्होंने कहा कि जसवीर वीडियो जारी करने के बाद जानबूझकर छिप गया था।
वहीं एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने भी पत्रकारों के सवाल के जवाब देते हुए कहा कि जसवीर के खिलाफ महीने भर पहले कालाअंब के एक व्यक्ति की शिकायत मिली थी, जिसमें रिश्वत लेने की बात सामने आई थी जिसका ऑडियो भी वायरल हुआ था। मीणा ने बताया कि मामले के जांच करने के आदेश भी जारी किए गए थे जिसकी भनक जसवीर को लग गई। इसके बाद ये सारा प्रकरण घटित हुआ है।
एसपी ने कहा कि 20 साल के युवक की पिटाई के मामले में जांच अधिकारी जसवीर सैनी ने ना तो एक्सरे कराया और ना ही मारपीट के वीडियो को कब्जे में लिया था। मीणा ने कहा कि वह इस मामले की सही जांच नहीं कर रहा था ऐसे में जब शिकायत मिली तो उसे सही जांच के आदेश दिए गए थे। मीणा ने कहा कि इस पूरे मामले में 307 धारा लगाने के लिए कोई भी दवाब नहीं डाला गया था।
उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह हर कर्मचारी वीडियो वायरल कर अपनी जांच की जिम्मेदारी से बचता रहेगा तो अधिकारी कैसे काम लेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिन लोगों ने सिरमौर पुलिस की छवि बिगाड़ने के लिए ट्रायल चलाया, उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी।
एक सवाल के जवाब में एसपी रमन कुमार मीणा ने बताया कि युवक की पिटाई मामले की जांच अब दूसरे कर्मचारी को सौंपी जा रही है। इस केस को भी सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया है जिसकी आगामी जांच सीआईडी करेगी।
बता दें कि इस मामले की पूरे प्रदेश में चर्चा रही है। इस मामले में अब जो पहलू निकलकर आए हैं, उससे न केवल जिला पुलिस कप्तान रमन कुमार मीणा की छवि बेदाग साबित हुई है, वहीं पीड़ित अनीष और उसके परिवार को भी अब न्याय की उम्मीद नजर आ रही है। इस मौके पर एएसपी योगेश रोल्टा, डीएसपी प्रोबेशन अदिति सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर भी मौजूद रहे।
