शिमला || 2 अगस्त 2025 || अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जिला शिमला ने आज उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदेश स्तरीय विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन के नेताओं ने छात्र संघ चुनाव बहाली, कानून व्यवस्था, खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई और जॉब ट्रेनी पॉलिसी को लेकर सरकार पर कड़ी टिप्पणी की।
धरने को संबोधित करते हुए जिला संयोजक दिविज ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में छात्र संघ चुनावों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जो आज तक बहाल नहीं किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए गए तो विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी। दिविज ठाकुर ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने और अपराधिक घटनाओं में वृद्धि को भी चिंता का विषय बताया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन माफिया का भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, जिसके खिलाफ विद्यार्थी परिषद सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करती है। साथ ही, उन्होंने प्रदेश सरकार की “जॉब ट्रेनी” पॉलिसी का भी कड़ा विरोध जताया, इसे युवाओं के खिलाफ बताया और इसे वापस लेने की मांग की।
शिमला महानगर मंत्री कुणाल ने भी शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी की निंदा की और कहा कि यह नीति विद्यार्थी परिषद के लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने मंडी जिले के आपदा प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग उठाई।
विद्यार्थी परिषद ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
 
					